… खामोश लम्हें झुकी हैं पलकें, दिलों में उल्फत नई नई है” हमने अनेक उतार-चढाव देखे पर एक बात जो नहीं बदला वो है एक दूसरे के प्रति हमारा समर्पण: संजीव मिश्रा
“….. खामोश लम्हें झुकी हैं पलकें, दिलों में उल्फत नई नई है”
हमने अनेक उतार-चढाव देखे पर एक बात जो नहीं बदला वो है एक दूसरे के प्रति हमारा समर्पण: संजीव मिश्रा

पूर्णियां।
रियल एस्टेट के बड़े कारोबारी व बिहार के टॉपर रहे वरीय समाजसेवी पनोरमा ग्रुप के सीएमडी संजीव मिश्रा एवम उनकी धर्म पत्नी कविता मिश्रा के वैवाहिक वर्षगांठ पर उनके चहेतों ने जहां दोनों दंपत्ति को बधाई एवम शुभकामनाएं दिया है वहीं उन दोनों के सोसल साइट पर भी ढेर सारी शुभकामनाएं, कॉमेंट उन्हें मिल रहे हैं।

इस मौके पर श्री मिश्रा ने अपने शुभचिंतकों से कहा कि आज हमारी शादी के एक दशक से अधिक साल मानों तो बस एक लम्हे की तरह बीत गया। हमने अनेक उतार-चढाव देखे पर एक बात जो नहीं बदला वो है एक दूसरे के प्रति हमारा समर्पण।
इस मौक़े पर ई होम्स पनोरमा में श्री मिश्रा ने अन्य वर्षों की भांति इस वर्ष भी अपनी पत्नी के साथ पौधा रोपण किया।
