मुख्यमंत्री महिला संवाद का आयोजन कर सीएम नीतीश कुमार बिहार के महिलाओं के साथ कर रहे छलावा
क्या मुख्यमंत्री बता पाएंगे जीविका दीदी के पीछे इतने खर्च करने के बाद भी कितनों का हुआ है भला? आज भी महिलाएं नरकीय जीवन जीने को मजबूर
मुख्यमंत्री महिला संवाद का आयोजन कर सीएम नीतीश कुमार बिहार के महिलाओं के साथ कर रहे छलावा
क्या मुख्यमंत्री बता पाएंगे जीविका दीदी के पीछे इतने खर्च करने के बाद भी कितनों का हुआ है भला? आज भी महिलाएं नरकीय जीवन जीने को मजबूर

जेटीन्यूज़
आर0के0राय
समस्तीपुर/पटना : ज्ञात हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पूरे बिहार में शुक्रवार को जिलाधिकारी के माध्यम से महिला संवाद का कार्यक्रम का आयोजन किया है । इसे महज बिहार के महिलाओ के साथ छलावा या नौटंकी ही कहा जायेगा और कुछ नहीं । जबकि सर्वविदित है कि बिहार ही नहीं पूरे देश में महिलाओं के साथ अत्याचार ,बलात्कार, दहेज हत्या सहित कई अन्य अत्याचार लगातार जारी है ।
ज्ञात हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने परिवार को अर्थात अपने पत्नी को भी जब वे भारत सरकार के कृषि मंत्री और रेल मंत्री हुआ करते थे अपनी धर्मपत्नी को एक दिन भी मंत्री वाले आवास में रहने का मौका नहीं दिया ,आखिर क्यों ये ये कैसा सम्मान जब वो अपने पत्नी को भी सम्मान नही दे पाए तो औरों को क्या ही देl

सर्वविदित है कि जब तक उनकी पत्नी जीवित रहीं उन्हें मुख्यमंत्री आवास में रहने का कभी भीब मौका नहीं मिला ।लोगों में चर्चा है कि जब से भाजपा के संगत के बाद इनका मनःस्थिति पर प्रभाव देखा जा रहा है । प्रधानमंत्री बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारा देते रहे हैं ठीक उसी तरह बिहार के मुख्यमंत्री महिलाओं को आरक्षण के नाम पर मानसिक शोषण करने से बाज नहीं आते । उदाहरण के तौर पर जीविका दीदी के नाम पर करोड रुपए खर्च किए जाते हैं परंतु उनकी स्थिति जस का तस बनी हुई
है । बिहार में महिलाओं को हर क्षेत्र में आरक्षण के नाम पर एक आदमी की जगह तीन-तीन आदमी से काम लिया जाता है। जैसे मुखिया पंचायत समिति सदस्य जिला परिषद अध्यक्ष ,पूरे बिहार में महिला जनपद निधि के बदले उनके पति ही राज चलाते हैं। मूखिया पति या यूं कहें जनप्रतिनिधियों के अधिकारियों को धमकी देते रहे । ऐसे में मुख्यमंत्री क्या नौटंकी कर रहे हैं। अभी हाल ही में मुख्यमंत्री के द्वारा विधानसभा के अंदर महिलाओ के प्रति उनकी टिप्पणी किसी से छिपी नहीं है,हद तो तब हो गयी कि कुछ दिन पूर्व एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा एक महिला को पकड़कर अपने पास खिंच लेना, महिला की लज्जा को भंग किया गया,आखिर इसपर क्यो नहॉ नितीश कुमार की गिरफ्तारी हुई। क्या एक आम आदमी या विपक्ष के नेता ऐसी हरकत करते तो यही मुख्यमंत्री उन्हें जेल भिजवाने में कोई कसर नहॉ छोड़ते। क्या मुख्यमंत्री का ये चरित्र महिला के प्रति उनके सम्मान को दर्शता है ये पूरे बिहार की महिला देख और समझ रही है ।

हो सकता है उनकी उम्र का असर हो जिस कारण ये ऐसी ओछी हरकत लगातर कर रहे हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री आखिर क्यों बने हुए हैं, भाजपा वाले को यह दिख नहॉ रहा या जान बूझकर अंधे बने हुए हैं। बरहाल नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव 2025 में अपने जीत के सपने को छोड़ दे क्योंकि बिहार की जनता उन्हे बुरी तरह पराजित करने का मन बना चुकी है ।


