बाल विवाह जैसी कुरीति के खिलाफ पूरी तत्परता से काम कर रहा आयोग – डॉ. अमरदीप
बाल विवाह जैसी कुरीति के खिलाफ पूरी तत्परता से काम कर रहा आयोग – डॉ. अमरदीप
जे टी न्यूज, पटना:
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली द्वारा अक्षय तृतीया/ आखा तीज के अवसर पर आयोजित होने वाले बाल विवाहों की रोकथाम को लेकर बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं राज्य के सभी जिलों के उच्चाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक का आयोजन किया गया। उक्त बैठक के आलोक में बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. अमरदीप ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किये। आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि – (1). अक्षय तृतीया से पूर्व विभिन्न स्तरों पर विशेष निगरानी दल का गठन कर सामूहिक विवाह स्थालों पर आयोजित होने वाले विवाहों की सघन स्थलीय जांच सुनिश्चित की जाय। (2). अक्षय तृतीया (दिनांक-30.04.2025) से पूर्व प्रेसवार्ता का आयोजन कर बाल विवाह की रोकथाम/ निषेध संबंधित प्रशासनिक उपायों की जानकारी आम जनता को दी जाय। (3). अक्षय तृतीया से पूर्व जिले के सभी विद्यालयों में स्कूल छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं की सूची की समीक्षा कर विशेष निगरानी रखी जाय।आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश में आगे कहा गया कि अक्षय तृतीया के उपरांत भी बाल विवाह रोकने हेतु ग्राम स्तर/ पंचायत स्तर/ प्रखंड स्तर/ अनुमंडल एवं जिला स्तर पर जन जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन किया जाना चाहिए। सभी जिलों में जिलाधिकारी से कहा गया है कि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति के सदस्यों, आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत सेविका/ सहायिका, ग्राम पंचायत के मुखिया/ वार्ड सदस्य, पंडित, मौलाना एवं अन्य ऐसे व्यक्ति जो वैवाहिक कार्य को संपन्न कराने में भाग लेते हों एवं वैसे सेवा प्रदाता जो वैवाहिक कार्यों के आयोजन में सजावट हेतु टेंट, हॉल एवं खान-पान की व्यवस्था करते हों उनके साथ समय-समय पर बैठक का आयोजन कर बाल विवाह कानून की नियमित समीक्षा करें। इन सबके साथ ही जिलाधिकारी द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ नियमित बैठक कर स्कूल छोड़ने वाले छात्र/छात्राओं से संबंधित कारणों की समीक्षा नियमित अंतराल पर की जायेगी।
इस मौके पर डॉ. अमरदीप ने कहा कि बाल विवाह जैसी कुरीति के खिलाफ बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग पूरी तत्परता के साथ काम कर रहा है। आयोग द्वारा समय-समय पर एडवायजरी जारी करने के साथ ही नियमित रूप से सेमिनार, वर्कशॉप, नुक्कड़ नाटक सहित विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही बिहार एवं केन्द्र सरकार के संकल्प के अनुरूप आयोग इस दिशा में तमाम जरूरी कदम उठा रहा है।

