चित्रकला देती है ‘भावनात्‍मक सबलता

चित्रकला देती है ‘भावनात्‍मक सबलताजे टी न्यूज, पटना: स्‍केचो कला महाविद्यालय’ की निदेशक श्रीमती नीतू कुमारी इन दिनों स्‍कूल और कॉलेज के बच्‍चों को चित्रकला से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। उनका मानना है कि प्रतिस्‍पर्धा के इस दौर में बच्‍चे मानसिक सबलता खोते जा रहे हैं। मानसिक कमजोरी से बचने के लिए विद्यार्थियों को चित्रकला सीखनी चाहिए। ऐसा तभी संभव है, जब उन्हें चित्रकला की विविध शैलियों व विशेषताओं से अवगत कराया जाए। इस उद्देश्‍य के निमित्त उन्होंने आज दिनांक 30 मई, 2025 को एक समर कैंप (ग्रीष्‍म शिविर) का आयोजन किया, जिसमें लगभग 60 बच्‍चों ने भाग लिया। इन बच्‍चों को ‘स्‍केचो कला महाविद्यालय’ के द्वारा चित्रकला की विविध विधाओं में प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षित कलाकारों ने समर कैंप में अपनी-अपनी चित्रकला का प्रदर्शन किया। कलाकृतियों में तेरह प्रकार की चित्रकलाओं को शामिल किया गया था जिसकी तैयारी ‘स्‍केचों कला महाविद्यालय’ के तेरह प्रशिक्षकों -विक्की कुमार सोनी, अमन कुमार सोनी, आरोही, निर्मल, कौशिकी श्रीवास्‍तव, कृति भरद्वाज, अंजलि कुमारी, सिद्धि, मिली, मीनाक्षी लता, राजन, शृष्टि एवं तूलिका- ने करायी थी। खास बात यह है कि ये सभी प्रशिक्षक स्‍वयं स्‍केचों कला महाविद्यालय के छात्र हैं और श्रीमती नीतू से पेंटिंग सीख रहे हैं। निर्णायक एवं मुख्‍य अति‍थि के रूप में पटना कला महाविद्यालय के सहायक प्राध्‍यापक दिनेश कुमार एवं सत्राची पत्रिका के संपादक डॉ. आनन्द बिहारी उपस्थिति रहे। निर्णायकों ने 60 में से 10 बच्‍चों की कलाकृति को पुरस्‍कार के लिए चयनित किया। श्रीमती नीतू कुमारी ने मुख्‍य अतिथि सह निर्णायकों को अपनी संस्‍था द्वारा निर्मित प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। अपने संबोधन में उन्होंने इस संस्‍था को स्‍थापित करने का उद्देश्‍य बताते हुए फोटोग्राफर रंजीत कुमार के प्रति कृतज्ञता जाहिर की। श्री रंजीत कुमार ने संस्‍था की स्‍थापना में श्रीमती नीतू के संघर्ष में हर कदम साथ दिया है। संस्‍था के निदेशक के रूप में श्रीमती नीतू कला और संस्‍कृति के विकास को अपने जीवन का लक्ष्‍य मानती हैं। उनके अनुसार सच्‍चा कलाकार अपनी सामाजिक उत्तरदायित्‍व से विमुख नहीं हो सकता।

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