*शीर्षक : भारत का आन-बान-शान तिरंगा (काव्य)*

*शीर्षक : भारत का आन-बान-शान तिरंगा (काव्य)*

इस कर्मभूमि, तपोभूमि का गौरवगान तिरंगा,
हम देशवासियों का, मान-अभिमान तिरंगा,
उन्मुक्त गगन में, लहराता सबके मन को हर्षाता,
तीन रंगों में रंगा भारत का, आन-बान-शान तिरंगा।

अमर शहीदों का मान-सम्मान तिरंगा

विश्वभर में अखंड भारत की पहचान तिरंगा,
प्रेम-सुधा बरसाता हमें एकसूत्र में बाँधता,
रामायण,गीता, वेदों,ग्रंथों का ज्ञान तिरंगा।

आजादी के अमृत महोत्सव का प्रतिमान तिरंगा,
भव्य हिमगिरि का प्रहरी अमर वरदान तिरंगा
वीर शहीदों के शौर्य गाथा का गुणगान करता,
अचल अडिग,अविनाशी हिन्द का अभिमान तिरंगा।

हरित रंग हरियाली केसरिया वीरता का प्रतीक
अशोक चक्र प्रगति का श्वेत सादगी का प्रतीक,
त्याग -तपस्या, हर्ष-उल्लास शांति का संधान तिरंगा,
वीरभूमि वीर सपूतों के हौंसलों की उड़ान तिरंगा।।

*भारत माता की जय! सादर!*
*कवयित्री अनुपमा सिंह ‘सोनी’, पटना।*

Related Articles

Back to top button