चुनाव आयोग का SIR पर सबसे बड़ा झूठ अब उजागर हो चुका है।

चुनाव आयोग का SIR पर सबसे बड़ा झूठ अब उजागर हो चुका है।

जे टी न्यूज, पटना: तीन महीने से दबाई गई फाइल — 2003 में बिहार की वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण की गाइडलाइन — सामने आ गई है, और इसने आयोग के तीनों बुनियादी दावों का भंडाफोड़ कर दिया है।

2003 में न कोई एन्यूमरेशन फॉर्म भरा गया, न दस्तावेज़ मांगे गए, न ही सभी की नागरिकता की जांच हुई।
फिर भी आयोग बार-बार दावा करता रहा कि वह वही प्रक्रिया दोहरा रहा है।

मतलब साफ़ है — चुनाव आयोग का यह दावा कि वह SIR में 2003 की प्रक्रिया को दोहरा रहा है, सरासर झूठ साबित हो चुका है।

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