21वीं किश्त के हस्तांतरण अवसर पर विद्यापति सभागार में कार्यक्रम का आयोजन
21वीं किश्त के हस्तांतरण अवसर पर विद्यापति सभागार में कार्यक्रम का आयोजन

जे टी न्यूज, समस्तीपुर: डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 21वीं किश्त के हस्तांतरण अवसर पर विद्यापति सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान आन लाइन माध्यम से जुड़े प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18000 करोड़ रुपए नौ करोड़ से अधिक किसानों के खाते में ट्रांसफर किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती से वे काफी जुड़ाव महसूस करते हैं। आने वाले वर्षों में देश नेचुरल फार्मिंग का ग्लोबल हब बनने वाला है इससे कृषि रूरल इकोनामी को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि हालिया कुछ वर्षों में कृषि निर्यात दो गुना हुआ है। सरकार किसानों को हर तरह से सहयोग करने को लेकर लगातार कार्य कर रही है।
इस दौरान उन्होंने सरकार की विभिन्न कृषि हित की योजनाओ की उपलब्धियों की भी चर्चा की। इस क्रम में विश्वविद्यालय स्थित विद्यापति सभागार में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत उपस्थित भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर के साथ विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ पीएस पाण्डेय सहित वैज्ञानिकों ने दीप प्रज्वलित कर किया।
अतिथियों के स्वागत सम्मान, कुलगीत प्रसारण के बाद अपने संबोधन में श्री ठाकुर ने कहा कि किसानों को न सिर्फ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जा रहा है बल्कि वैज्ञानिक एवं तकनीकी जानकारी भी घर तक पहुंचाई जा रही है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक किसानों के घर घर तक जाकर उन्हें जानकारी दे रहे हैं।
विश्वविद्यालय में लगातार मशरूम उत्पादन एवं विभिन्न फसलो के उत्पादन के साथ साथ किसानों को मार्केटिंग और डिजिटल एग्रीकल्चर की भी ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके पुर्व कृषि व किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री ठाकुर ने विश्वविद्यालय द्वारा प्रदर्शित विभिन्न उन्नत प्रभेद एवं तकनीकों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और किसानों से बातचीत की।
कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय संकल्प से सिद्धि की ओर अग्रसर है। देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने को लेकर शाट टर्म, मिड टर्म और लांग टर्म योजना के तहत योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों को केंद्र में रखकर और उनसे फीडबैक लेकर अपने अनुसंधान चला रहा है।
उन्होंने बताया कि अनुसंधान परिषद की बैठक से पूर्व वे स्वयं प्रसार सलाहकार समिति के दौरान तीन सौ से अधिक किसानों से उनकी समस्याओं पर चर्चा करते हैं। पुर्व में सिर्फ चार पांच किसान ही सलाहकार समिति में थे लेकिन अब तीन सौ से अधिक किसानों के साथ सीधे संवाद किया जाता है और उसी अनुरूप अनुसंधान परियोजनाएं बनाई जाती है।
डाॅ पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों में पढाई के साथ साथ राष्ट्र भक्ति और राष्ट्र सेवा की भावना को भी विकसित करने को तैयार कर रहा है। इसी अनुरूप सिलेबस में भी बदलाव किए गए हैं। कार्यक्रम के दौरान निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह ने किसानों को आसान भाषा में विश्वविद्यालय में चल रही अनुसंधान परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
निदेशक प्रसार शिक्षा डाॅ रत्नेश झा ने विश्वविद्यालय मे विकसित विभिन्न प्रभेदों के बीज और उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ ईश प्रकाश ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ विनिता सत्पथी ने किया। कार्यक्रम के दौरान डीन पीजीसीए डॉ मयंक राय, निदेशक बीज डॉ डीके राय, निदेशक शिक्षा डॉ उमाकांत बेहरा, डॉ राकेश मणि शर्मा, डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न शिक्षक वैज्ञानिक एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।



