असंवेदनशील, निकम्मी और क्रूर बिहार सरकार की प्रशासनिक विफलता से मजदूर वर्ग हलकान- सुभाष

-दरभंगा में राजद नेताओं ने उपवास अनशन रख मनाया अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस।

-संवाददाता। दरभंगा।

लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे बिहारी मजदूरों की वापसी को लेकर बिहार में सियासत जोरों पर है।सरकार अपने तर्क दे रही तो विपक्ष भी लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है। आज मजदूर दिवस पर अप्रवासी मज़दूरों की घर वापसी और राशन वितरण में धांधली के खिलाफ राजद नेताओं ने उपवास रख अनशन किया।

राजद नेता सुभाष चंद्र रॉय ने उपवास अनशन रख प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल शत प्रतिशत रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस पर सरकार की बदइंतज़ामी और कुप्रबंधन के विरुद्ध एवं अप्रवासी बिहारी भाईयों की सकुशल वापसी के लिए सांकेतिक अनशन पर बैठा गया है।

श्री रॉय ने कहा कि पांच ही तो काम करने थे बिहार सरकार को इस महासंकट में। ‘अप्रवासी मजदूरों की घर बुलाई, चुप कराना भूखे बच्चों की रुलाई, हर बिहारी को राशन और दवाई, सरकार इतना भी नहीं कर पाई।’ आपकी बहानेबाजी में 35 दिन बीत गए अब अप्रवासी कामगारों को अविलंब वापस बुलाओ।

असंवेदनशील, निकम्मी और क्रूर बिहार सरकार की प्रशासनिक विफलता के कारण 25 लाख अप्रवासी बिहारीवासी बाहर फंसे हैं। 35 दिन बाद भी उन्हें वापस बुलाने की कोई समग्र योजना व वैकल्पिक उपाय नहीं है। इस गूंगी, अंधी और बहरी सरकार का मुंह, आंख और कान खोलने के लिए सांकेतिक विरोध-प्रदर्शन का शत प्रतिशत सफल रहा ।

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