भुखमरी से जूझ रहे लोगों की सहायता करने के लिए आगे आए संजीव सिंह
जेटी न्युज
मोतिहारीl पु०च०
लॉक डाउन में बाजार व दुकाने बन्द होने से राशन के लिए मजबूर लोग नमक के सहारे जीवन व्यतीत करना शुरू कर दिए थे . वहीं किसी – किसी घर मे पैसा ना होने को लेकर खाना खा नही सकते . बरवा पंचायत के लोगों का स्थिति धीरे धीरे खराब होने लगा था .
लोगो मे भुख मरी का स्थिति बन गया था खाने के लिए कुछ नहीं था . कोई कोई तो अपना गोहना रखकर राशन लेना शुरू कर दिए था तब कही से पता चला उसी पंचायत के उप मुखिया संजीव सिंह को तब सिंह जी ने इस गरीब को देखे तो तंग रह गये और सभी मजदूरों को अपने निधि फंड से ना किसी से मदद लिए ना ही किसी से मांगे और सभी गरीबों के बीच राशन व जरूरतमंद समान पहुंचाने लगे जिसे बरवा पंचायत की सभी जनता में खुशहाली का माहौल बन गया.
गरीबों की मसीहा संजीव सिंह ने का कहना है कि हमसे जितना हो सकेगा गरीबों का मदद करेंगे और कर रहे हैं जिसे कितने लोगों के घर में सुकून मिल रही है . जब सिंह जी ने अपने पंचायतों में ग्रामीणों से मिलने निकलते थे तो लोगों का दर्द उनके कानों में गूंजता था तो उनका भी सीना छली छली हो जाती थी . जब एक वृद्ध अपना दुख सुनाएं कि .
पापी पेट का सवाल हैl झिझक से अपनी दर्द बयां नही करते थे। तभी जैसे ही उप मुखिया संजीव सिंह ने इस बात को सुने तुरंत उन्होंने जरूरत के सामान चावल दाल आटा कुछ नगद के रूप में सहायता राशि सभी गरीबों को पहुंचाने लगे.
पूरा बिश्व एक ओर जहां बैश्विक महामारी कोरोना के कहर से जहाँ त्रस्त है लोगो का जीवन मुहाल हैl सरकार लॉक डाउन करा कर लोगो के जीवन बचाने का प्रयास कर रही है वही रोजमर्रा के समान डोर टू डोर उपलब्ध भी करा रही हैl
लेकिन ऐसे में उन बेसहारा मजबूर लोगो की कोई सुधि लेने वाला नही है । लोग दाने दाने के लिए तरस रहे है व अब स्थिति ये हो गयी है कि ये अब खाने की जगह पानी पिकर जीवन यापन करने को मजबूर हो गए है। दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर मोतिहारी के संग्रामपुर स्थित बरो पंचायत की है ।
संजीव सिंह की आंखे नम हो गई। इसके बाद जो सम्भव हुआ अपनी अपनी स्तर से मदद किये। लेकिन समाज मे कुछ ऐसे लोग भी है जिन्होंने इन भूखे लाचार और बेसहारा का सहारा बनने का संकल्प लिया व आज ये इनके भगवान से कम नही है।
सही मायने में इन सिंह जी की ये सोच व गरीबो के प्रति श्रद्धा अपने आप मे एक मिसाल है व लोग इसे दिनों दिन तक याद करेंगे।