प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के आगे बेबस हैं बिहार के शिक्षा मंत्री, फीस पर खड़े किए हाथ

निजी स्कूलों के निदेशक को उच्च न्यायालय पटना के फैसले का भी नहीं है खौफ :लालू

जेटीन्यूज़
*भागलपुर* :बिहार सरकार का प्राइवेट स्कूलों पर कोई लगाम नहीं है। सरकार प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोक पाने में बेबस साबित हो रही है और सरकार का प्राइवेट स्कूलों पर कोई नियंत्रण नहीं है। प्राइवेट स्कूल चाहे जितना भी फीस वसूले इस पर सरकार कुछ नहीं कर सकती। बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के आगे बेबस होकर अपना हाथ खड़ा कर चुके हैं।
उक्त बातें ईस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भागलपुर के उपाध्यक्ष सह श्रद्धा भारती के अध्यक्षता संजीव कुमार उर्फ लालू शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देशभर में स्कूल बंद हैं। अंग महाजनपद के हृदय स्थल भागलपुर में भी तमाम बड़े प्राइवेट स्कूलों में ताला लटका हुआ है,लेकिन अभिभावकों को हर महीने मोटी फीस देनी पड़ रही है। ऑनलाइन क्लास के नाम पर निजी स्कूल के संचालक केवल खानापूर्ति कर रहे हैं। स्कूलों के अंदर पढ़ाई कब से शुरु हो पाएगी, इसका जवाब फिलहाल कोई नहीं दे सकता है लेकिन प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों को फीस में कोई छूट नहीं देने की कसम खा रखी है,जबकि इस मामले में उच्च न्यायालय पटना का निर्देश आ चुका है कि कोरोना काल के 3 महीनों की फीस किसी भी स्कूल में किसी भी अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा, बावजूद इसके निजी स्कूलों के निदेशक संचालक न्यायालय और सरकार से बेखौफ होकर अपनी मनमानी और अनियमितता को जारी रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि फीस के मसले पर बिहार सरकार ने पहले ही अपने हाथ खड़े कर दिए हैं।

इस बाबत बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा का कहना है कि सरकारी स्कूलों की तरह बिहार सरकार का निजी स्कूलों पर कोई नियंत्रण नहीं है। शिक्षा मंत्री श्री वर्मा ने प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले बच्चों के अभिभावकों पर मरहम लगाते हुए इतना जरूर कहा कि सरकार ने इस निजी संस्थाओं के साथ बातचीत कर कोरोना संकट के बीच फीस में कटौती की अपील भी ऊन्होंने की है,लेकिन क्या सरकार इतने से ही संतोष कर लेगी। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि इन निजी स्कूलों पर लगाम लगाना सरकार की जिम्मेवारी नहीं है क्या? उन्होंने कहा कि आए दिन फीस को लेकर अभिभावकों और निजी स्कूल प्रबंधन के बीच भिड़ंत की स्थिति बनी रहती है,लेकिन निजी स्कूल लॉकडाउन में भी पूरी फीस लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि निजी स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई का हवाला देते दिखा रहे हैं,लेकिन सच्चाई ये है कि ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर बस निजी स्कूलों में केवल खानापूर्ति की जा रही है। फीस वसूली के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का धोखा अभिभावकों के साथ किया जा रहा है। यहां तक कि निजी स्कूल अभिभावकों से तो फीस के पूरे पैसे ले रहे है, लेकिन अपने यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन में वे भारी कटौती भी कर रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सकारात्मक पहल करने-कराने की मांग की है।

News Editor :- Neha Kumari

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