सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के बजाय, कार्यरत कर्मचारियों को घर का रास्ता दिखाना जन विरोधी कदम


कार्यालय, जेटी न्यूज
पटना। बिहार सरकार द्वारा 50 वर्ष से अधिक उम्र के सरकारी कर्मचारियों के कार्यों की समीक्षा और उसके आधार पर उन्हें नौकरी से जबरन हटाने के लिए, सत्यनिष्ठा कमिटी का गठन, अक्षम और दिशाहीन सरकार की ओर से उठाया गया कर्मचारी विरोधी कदम है।
बिहार सरकार, सरकारी, गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार सृजन में पूरी तरह विफल रही है।

इस तरह के जनविरोधी कदमों से वह बेरोजगारी की समस्या को और बढ़ाने का काम करेगी। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सीपीआई(एम) की बिहार राज्य कमिटी राज्य सचिव अवधेश कुमार ने उक्त बातें कही। उन्होंने कहा आज सरकारी विभागों में ढ़ाई लाख से ज्यादा रिक्त पदों को भरने के बजाय, पहले से कार्यरत कर्मचारियों को घर का रास्ता दिखाने की योजना बनाई जा रही है।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की बिहार राज्य कमिटी मांग करती है की इस तथाकथित सत्यनिष्ठा कमिटी को भंग कर इस आदेश को तत्काल वापस लिया जाए।पार्टी तमाम सरकारी रिक्त पदों को भरने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग करती है। पार्टी कर्माचारियों से जुड़े तमाम संगठनों, ट्रेडयूनियन संगठनों से सरकार के इस कर्मचारी विरोधी कदम के खिलाफ संघर्ष का आह्वान करती है।

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