प्लाजमा थेरेपी कोरोना के इलाज में अधिक कारगर


कार्यालय, जेटी न्यूज
बेगूसराय |
दिल्ली सरकार के नक्शेकदम पर बिहार सरकार ने भी राज्य में प्लाजमा थेरेपी से कोरोना संक्रमित रोगियों का इलाज करना शुरू किया और इसमें बड़ी सफलता मिल रही है | राज्य में प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किए गए 65% कोरोना संक्रमित रोगी स्वस्थ हो गए हैं | पटना एम्स में अब तक 260 लोगों ने प्लाज्मा दान दिया और इन से प्राप्त प्लाज्मा के माध्यम से 170 कोरोना मरीज़ों का इलाज किया गया है | इन मरीज़ों में 110 मरीज़ों का इलाज सफल रहा है | एम्स के प्रवक्ता डॉ संजीव कुमार के अनुसार मॉडरेट कोरोना संक्रमितो में प्लाजमा थेरेपी से इलाज 100% सफल रहा है |

दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जून माह में ही घोषणा की थी कि प्लाजमा थेरेपी कोरोना रोगियों के इलाज में बेहतर साबित हो रहा है और इस विधि को अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए | राज्य में कोरोना संक्रमित रोगी तेजी से ठीक हो रहे हैं | बिहार में 13 जिलों में कोरोना संक्रमित रोगियों के स्वस्थ होने की दर 91% से अधिक हो गई है | यहां औसत संक्रमितो के स्वस्थ होने की दर 88% है |

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बेगूसराय में 91.45%, बक्सर में 41.86%, जहानाबाद में 90.91% ,कैमूर में 92.70% ,कटिहार में 92.20%,खगरिया में 94.67%, लखीसराय में 90%, मुंगेर में 90.64% ,नालंदा में 91. 76% ,नवादा में 91.48%, रोहतास में 91.41%, शेखपुरा में 91. 97%, सीतामढ़ी में 90.44%, वैशाली में 90.86% की दर से मरीज स्वस्थ हो रहे हैं | मात्र 2 जिले में स्वस्थ होने की दर 80% से कम है | अररिया और किशनगंज में संक्रमित रोगियों के ठीक होने की दर 80% से कम है |

जिस तरह से दिल्ली में जन जागरूकता और अधिक टेस्टिंग कर कोरोना को ठीक किया जा रहा है,आज बिहार में भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए ऐसा करने की आवश्यकता है । मिथिलांचल क्षेत्र में कोरोना जागरूकता अभियान के प्रणेता, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुम्बई के पूर्व साइंटिस्ट, सम्प्रति शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत रीभर वैली स्कूल के चेयरमैन राम नंदन सिंह का कहना है कि कोरोना के रोकथाम तथा कोरोना संक्रमित लोगों को मौत से बचाने में ऑक्सीजन जाँच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है ।

उन्होंने जानकारी दी कि स्वस्थ मानव शरीर मे ऑक्सीजन 95% या उससे अधिक रहना चाहिए । कोरोना संक्रमण के कारण फेफड़ा में लोगों को प्लाज्मा प्रोटीन की एक परत बन जाती है जिसके कारण आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन फेफड़ा से खून के द्वारा शरीर के अंदरूनी अंगों तक नहीं पहुँच पाता है । अगर प्लाज्मा प्रोटी की परत बड़ी होती गयी तो शरीर मे ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो सकती है और इसे अनदेखा करते रहने से यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है । अगर लोगों की ऑक्सीजन जांच नियमित रूप से होता रहे तो संक्रमित व्यक्ति की जान बचायी जा सकती है ।

इसी के मद्देनज़र पूर्व साइंटिस्ट राम नंदन सिंह, माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व सह सचिव राजेन्द्र नारायण सिंह, पूर्व निगम पार्षद प्रकाश सिन्हा एवं पूर्व प्रधानाचार्य बमबम सिंह सहित टीम के सभी सदस्यों ने कोरोना जागरूकता अभियान के तहत पूरे बेगुसराय क्षेत्र में सघन ऑक्सीजन जाँच का कार्यक्रम चलाया है जिसमे 40 समाजसेवी कार्यकर्ताओं की टीम इंजीनियर मृत्युंजय कुमार के नेतृत्व में गाँव गाँव जाकर ऑक्सीमीटर से लोगों का ऑक्सीजन जांच करती है और ऑक्सीजन लेवल 95% से कम होने पर उन्हें आवश्यक सलाह देती हैl साथ ही वह गरीब और जरूरतमंद लोगों को दवा और डॉक्टर की सहायता भी उपलब्ध करवाती है ।

राम नंदन सिंह ने समाजसेवी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया और साथ ही बिहार सरकार से मांग की है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सरकार प्रत्येक परिवार में एक एक ऑक्सीमीटर मुफ्त में बाँट दे, इससे संक्रमित लोगों की जान बचायी जा सके है । साथ ही उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि सरकार कोरोना नियंत्रण में कार्यरत जान गँवाने वाले सभी योद्धाओं को शहीद का दर्जा देकर उन्हें सम्मानित करे।

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