संगोष्ठी सह पुस्तक लोकार्पण का आयोजन

 

जेटी न्यूज़

मोतिहारी।पु0च0

लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र (म.गा.के.वि. बिहार) के तत्वावधान में दिनांक 14 जनवरी 2021 को संगोष्ठी सह पुस्तक लोकार्पण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति संजीव कुमार शर्मा ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में प्रो० जयकांत सिंह (एल. एस. कॉलेज मुज़फ्फरपुर) एवं विशिष्ट अतिथि के तौर पर भोजपुरी के लोकप्रिय कवि गोरख प्रसाद मस्ताना का सान्निध्य प्राप्त हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं मंगलाचरण से हुआ। प्रो.राजेन्द्र बड़गूजर (केंद्र निदेशक, लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र) ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान परिदृश्य में लोक का सरंक्षण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। युवा पीढ़ी इससे जुड़कर अपने अनुभवों को समृद्ध कर सकती है।मुख्य अतिथि गोरख मस्ताना ने अपने वक्तव्य में कहा कि लोक की परंपरा हमारे पूर्वजों द्वारा हमें थाती के रूप में मिली है। इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हमारी है। जीवन के विभिन्न रंगों को समेटे हमारे लोक साहित्य में सब कुछ है।दैनिक जीवन के क्रियाकलाप केंद्रित झूमर,फगुआ,निर्गुण,बारहमासा, पचरा,रोपनी, आदि हमारी परंपरा को समृद्ध करते आये हैं। उन्होंने वक्तव्य और कविता को गेय तरीक़े से प्रस्तुत करके इस कार्यक्रम को जीवंतता प्रदान की।विशिष्ट वक्तव्य देते हुए डॉ.जयकांत सिंह ने कहा कि ‘लोक’ बहुअर्थी शब्द है। प्राचीन शब्द है यहाँ तक कि वेद से भी प्राचीन। भारत और पाश्चात्य में लोक की अवधारणाएं अलग-अलग हैं। वक्तव्य में ‘कला’ को समझाते हुए ‘उपयोगी कला’ और ‘ललित कला’ की विस्तृत चर्चा की।आपने कहा कि लोक जीवन में संवाद है, सहमति का भाव है। कहीं प्रतिस्पर्धा नहीं है। सामंजस्य का भाव ही भारतीयता है। पश्चिम की आंधी जो आ रही है उससे बचने के लिए हमें लोक को जीवित रखना होगा।

अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रो.संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि लोक का भी अपना ‘वेद’ है। लोक सामाजिक-सांस्कृतिक अनुभवों को समेटे वह थाती हमें प्रदान करता है जिसके द्वारा हम समय से सीधा संवाद करते हैं। प्रो.राजेन्द्र सिंह को शुभकामनाएं देते हुए माननीय कुलपति ने कहा कि आपके निर्देशन में यह केंद्र प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है।अतिथियों का परिचय डॉ. अंजनी कुमार झा (मीडिया एवं माध्यम अध्ययन विभाग) डॉ. बिमलेश सिंह(अध्यक्ष,अंग्रेजी विभाग) ने दिया। प्रो.प्रसून दत्त सिंह(अध्यक्ष, संस्कृत विभाग) ने केंद्र की ओर से सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का ओजस्वी संचालन डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव(सह-आचार्य, हिंदी विभाग) ने किया।

हिंदी विभाग, महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के सभी छात्र-छात्राओं के सम्मिलित सहयोग से कार्यक्रम अपने उत्स तक पहुंचा।

Website Editor :- Neha Kumari

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