जेंडर संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ, डीएवाई-एनआरएलएम के तहत देश भर में जेंडर संबंधी मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के प्रयास किए जा रहे हैं

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नई दिल्लीः ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आज जेंडर संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम साझे तौर पर दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) और ‘महिलाओं और लड़कियों को अर्थव्यवस्था में सशक्त बनाने के लिए जरूरी कदम’ (आईडब्ल्यूडब्ल्यूएजीई) के तहत की जा रही कोशिशों का हिस्सा है। यह प्रयास देश भर में डीएवाई-एनआरएलएम के तहत जेंडर आधारित प्रयासों से लैंगिक जागरूकता उत्पन्न करने, बेहतरीन प्रथाओं को जानने और राज्यों से जमीनी स्तर की आवाजों को सुनने के मकसद से किया जा रहा है।

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जेंडर संवाद से राज्यों को निम्न अवसर प्रदान होंगे-

•उन सर्वोत्तम प्रथाओं/पहलों को समझने का मौका जिनका उपयोग अन्य राज्य महिलाओं की एजेंसी को बेहतर बनाने के लिए कर रहे हैं (जैसे भूमि अधिकारों के लिए महिलाओं की पहुंच को आसान बनाना, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में उनका दखल, खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता (एफएनएचडब्ल्यू)  में सर्वोत्तम प्रथाएँ, सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए मजबूत संस्थानों की स्थापना में और महिलाओं के भीतर कमजोर समूहों को समस्याओं के निवारण प्रदान करने के लिए इस्तेमाल की जा रही अच्छी प्रथाओं को जानने का मौका।

•वैश्विक स्तर पर जेंडर आधारित उठाए जा रहे कदमों को समझना।

•विशेषज्ञों और अन्य सहयोगियों से इस पर बातचीत और सलाह कि जेंडर संबंधी मुद्दों को कैसे सुलझाया जाएऔर इसे लागू करने में बाधाओं का कैसे दूर किया जाए।

•देश-विदेश में जेंडर आधारित बेहतरीन संसाधन सामग्री को एक जगह पर लाने में सहयोग प्रदान करना।

•जेंडर आधारित मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत को समझते हुए इसे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का हिस्सा बनाया जाए।

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इस कार्यक्रम का शुभारंभ आज ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत किया। ऑनलाइन लॉन्च कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विशेषज्ञों का एक प्रतिष्ठित पैनल शामिल हुआ। इसके अलावा जमीनी स्तर से महिलाओं की आवाज़ें भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनीं जिन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया कि कैसे डीएवाई-एनआरएलएम के भीतर लैंगिक मुख्यधारा के प्रयासों ने उनकी एजेंसी को बढ़ाने में मदद की है। कार्यक्रम के दौरान एसएचजी सदस्यों की प्रेरक कहानियों को प्रस्तुत करने वाले केस स्टडीज का एक संग्रह भी जारी किया गया।

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6 करोड़ से अधिक महिलाओं को भारत के सबसे बड़े आजीविका कार्यक्रम का हिस्सा बनाने के साथ दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने उन्हें स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण गरीबों के संघो के रूप में संगठित करके उनके सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। यह मंच न केवल महिलाओं के लिए वित्तीय अवसरों और आजीविका सहायता सेवाओं की सुविधा प्रदान कर रहे हैं, बल्कि वे मुख्यधारा के संस्थानों के साथ संबंध बनाने और जवाबदेही की मांग करने के लिए शासन प्रणाली को भी विस्तार दे रहे हैं।

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साल 2016 में डीएवाई-एनआरएलएम ने अपने कार्यक्षेत्र के भीतर जेंडर संबंधी मुद्दों को प्रमुखता से लेने के लिए कर्मचारियों, कैडर और संस्थाओं के बीच लैंगिक परिचालन रणनीति तैयार की थी। इसका मकसद स्टाफ का जेंडर संबंधी मुद्दों पर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण करना था। जमीनी स्तर पर सामाजिक कार्रवाई समितियों और लिंग संसाधन केंद्रों की स्थापना से इसे और मजबूती मिली। इससे महिलाएं अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए इन तक पहुंच सकीं। साथ ही अपने हकों और अधिकारों को प्राप्त करने में सशक्त बनीं।

 

(साभारः पीआईबी)

संपादिकृतः ठाकुर वरूण कुमार 

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