भाकपा- माले जयनगर के कार्यकर्ताओं द्वारा 128 वीं मजदूर दिवस किया आयोजित

जे टी न्यूज मधुबनी।

भाकपा -माले जयनगर के द्वारा राजपूताना टोला में 128 वीं मजदूर दिवस मनाया गया। उपस्थित कार्यकर्ताओं ने मई दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाले और शिकागो आंदोलन में शहीद हुए मजदूरों को श्रद्धांजलि अर्पित किए।स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए भाकपा -माले के प्रखंड सचिव भूषण सिंह ने कोविड-19 से बचाओ पर प्रकाश डालते हुए कहे की 1 मई, 1886 को शिकागो में हड़ताल का रूप सबसे आक्रामक था।अमेरिका के शिकागो उस समय जुझारू वामपंथी मज़दूर आंदोलनों का केंद्र बन गया था। 1 मई को शिकागो में मज़दूरों का एक विशाल सैलाब उमड़ा और संगठित मज़दूर आंदोलन के आह्वान पर शहर के सारे औज़ार बंद कर दिये गए और मशीनें रुक गईं।भारत में वर्ष 1986 का बाल श्रम अधिनियम, जिसके तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नियोजित करना प्रबंधित कर दिया, बेहतर श्रम मानकों को प्राप्त करने और बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को समाप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम था। और भारत में मज़दूर दिवस पहली बार चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में 1 मई, 1923 को आयोजित गया था।

लेकिन आज यह मजदूर की आजादी को मोदी सरकार के द्वारा पूरे देश में मजदूरों के हित में बनाए गए कानून व ट्रेड यूनियन के अधिकार को समाप्त कर तमाम सरकारी संस्थाएं को बड़े पूंजीपति के हवाले निजी करण की ओर धकेल दिया गया है। जो मजदूरों के लिए कुठाराघात और मजदूरों की आजादी पर हमला है।कोविड-19 यह जहां जनता ढूंढ रही है वही मोदी सरकार चुनाव मन की बात और बड़े उद्योगपति पूजी पतियों को तिजोरी भरने का काम कर रहे हैं यह लोकतंत्र एवं कोरोना से पीड़ित जनता के लिए मजाक है।सभा को मुस्तफा, तस्लीम, गुड्डू गुप्ता,रघुनंदन पासवान, नथुनी पासवान, नीरो पासवान, यूनुस सहित कई लोगों ने संबोधित किए।

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