वार्ड सदस्य -सह- आशा बहू की मनमानी, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मनरेगा लेबर कार्ड में कर रही अवैध उगाही, जनता परेशान
समस्तीपुर::- सरकार ने गरीबों, दबे कुचले वर्गों एवं असहाय जनता के लिए ना जाने कितनी योजनाएं बनाई है लेकिन चंद जनप्रतिनिधियों, दलालों एवं सरकार के कारिन्दों के कारण इन योजनाओं पर ग्रहण लग रहा है। ऐसा ही एक मामला जिला अंतर्गत मोरवा प्रखंड के उत्तरी मोरवा पंचायत के लश्कारा वार्ड 1 से एक बड़ी अवैध उगाही का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें वार्ड सदस्य -सह- आशा बहू गीता देवी पर ग्रामीणों ने लगाया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मनरेगा लेबर कार्ड में पैसा नहीं देने पर मारपीट वह जेल भेजने का धमकी दिया जा रहा है। जिस से नाराज ग्रामीणों ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि मनरेगा लेबर कार्ड व प्रधानमंत्री आवास योजना में पैसा नहीं देने पर मारने व जेल भेजने की धमकी देती है। जिससे हम लोग काफी परेशान हैं। हमने कई जगह आवेदन भी दिया पर अभी तक कोई वरीय पदाधिकारी ने संज्ञान नही लिया है।
आपको बता दें कि ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड सदस्य -सह- आशा बहू गीता देवी के पति दिनेश चौधरी राजद के प्रखंड स्तरीय नेता हैं। इसी कारण स्थानीय विधायक का नाम बदनाम कर आम जनता पर धौंस दिखाते रहते हैं। ग्रामीणों ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 20 से 25 हजार रुपए तक एवं मनरेगा लेबर कार्ड में 9 हजार रुपए जो कि सरकार द्वारा खाता पर भेजा गया है जबरन वसूली किया जाता है नहीं देने पर मारपीट एवं स्थानीय थाना का धौंस दिखाया जाता है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि जल नल योजना में भी मनमाने तरीके से जल की आपूर्ति की जाती है पूछने पर नजरें तैयार कर कहा जाता है कि पानी टंकी हमारे जमीन में है हम जैसे चाहे वैसे जल की आपूर्ति करेंगे। वहीं मनरेगा द्वारा बनाया गए सड़क को भी आम जनजीवन के लिए घेर दिया गया है वार्ड सदस्य द्वारा बोला गया है कि जब तक हम ग्रामीण मनरेगा का पैसा नहीं दे देते हैं तब तक उस सड़क का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
मौके पर देव नारायण चौधरी, राज नारायण चौधरी, मीरा देवी, शिव कुमारी, बेबी देवी, इन्द्रा देवी, राज कुमारी, अनीता देवी, मान्ती देवी, पाना देवी आदि के साथ-साथ सैंकड़ों उग्र ग्रामीण लोग उपस्थित रहे।
अब सवाल यह उठता है कि कब तक इन जनप्रतिनिधियों, दलालों और सरकारी कारिन्दों की मनमानी चलती रहेगी? आखिर कब तक आम जनता को अपने अधिकारों से वंचित रहना पड़ेगा? आखिर सरकार नींद से कब जागेगी? क्या अपने कीमती वोट द्वारा चुनी गई सरकार से जनता यही उम्मीद रखती है? क्या समय रहते सरकार को सख्त कदम नहीं उठाना चाहिए?
आईए देखते हैं कि सरकार क्या कुछ कदम उठाती है?
बाइट – ग्रामीण
संपादिकृत: ठाकुर वरुण कुमार