चीनी मील कैम्पस समस्तीपुर स्थिति अपोलो डेंटल में डॉक्टर्स दिवस केक काट कर मनाया गया।

समस्तीपुर:- समस्तीपुर चीनीमिल केम्पस में इससे पुर्व इस कोरॉना काल में जितने भी चिकित्सक ने अपनी जान गवाएं उनको सार्धांजली दी गयी। इस अवसर पर अपोलो डेंटल के निदेशक प्रमुख डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस महान चिकित्सक डॉक्टर बिधानचंद्र राय की स्मृति में सम्मान में मनाया जाता है। अजब संयोग है कि 1 जुलाई डॉक्टर विधान चंद्र राय की जन्मतिथि भी है और पुण्यतिथि भी है।डॉ. बिधानचंद्र राय एक महान चिकित्सक थे, जिन्होंने अपने जीवन में कई लाख मरीजों का इलाज किया और उनकी जान बचाई उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में रहकर पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया। आगे बताते है की 1 जुलाई 1882 में बिहार के पटना जिले में जन्म लेने वाले डॉ बिधानचंद्र राय की मृत्यु 1 जुलाई 1962 कोहुई थी। कोलकाता में चिकित्सा शिक्षा पूर्ण करने के बाद डॉक्टर राय ने एमआरसीपी और एफआरसीएच की उपाधि लंदन में प्राप्त की उन्हें 4 फरवरी 1961 को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। डॉ बिधानचंद्र राय पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री रहे और लगभग 14 जनवरी 1948 से मृत्युपर्यंत तक मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने पश्चिम बंगाल में राजकीय धर्म का भी निर्वहन किया था। इस अपर समाहर्ता समस्तीपुर 

श्री विनय कुमार ने कहा की वास्तव में चिकित्सकों को धरती का दूसरा भगवान माना जाता है। कोरोना काल में तो जिस तरह से हमारे चिकित्सकों ने अपने शरीर की तनिक परवाह न करते हुए आमजन , मरीजों, कोरोना संक्रमितों की सेवा की उससे उनके प्रति सम्मान और बढ़ जाता है।न जाने कितने चिकित्सकों ने इस कोरोना महामारी में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। कई दिनों तक भूखे प्यासे रहकर अपने परिवार से दूर रहकर, कई कई रातें जागकर मरीजों की सेवा की।इस अवसर पर समस्तीपुर डेंटल के चिकित्सक डॉ दयानन्द कुमार ने कहा की महान चिकित्सक डॉ बिधानचंद्र राय ने अपने जीवन काल में कई चिकित्सालयों को अपने अनुभव और सीखों से उनका कद बड़ा कर दिया। वे गांधी जी के निजी चिकित्सक भी रहे,महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रहे, दूरदर्शी राजनेता और मुख्यमंत्री भी रहे, आजीवन अविवाहित रहे।आगे डॉ दयानन्द कुमार बताते है .

की चिकित्सा सेवा एक ऐसी सेवा है जिसमे कभी सेवानिवृत्ति नही होती , चिकित्सक जितना अनुभवी हो उतना ही दक्ष और कार्यकुशल माना जाता है।

इस अवसर पर डॉ फारुख आजमी, डॉ महानंद कुमार, डॉ सोनाली, डॉ पी. एन.सिंह,विजय सिंह,सतीश सिंह, कुंदन कुमार, धर्मदेव, अमरनाथ, आदि ने भाग लिया।

संवाददाता:-सीता कुमारी की रिपोर्ट

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