दैनिक भास्कर के कार्यालय पर आयकर का छापा, यह दुर्भाग्य हैं लोकतंत्र के लिए अप्रत्यक्ष रुप से आपातकाल-आर के राय
राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अप्पन पार्टी के आर के राय ने भाष्कर समूह तथा भारत समाचार के अखबार के कार्यालय तथा अन्य ठिकानों पर आयकर छापामारी की घोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां सच और सच्चाई को नहीं आने देने की लगती है। यह लोकतंत्र के लिए कहीं से भी उचित नहीं है इसी मुहिम के अंतर्गत दोनों अखबार समूह के ऊपर छापामारी की कार्रवाई करके चौथे स्तंभ के सभी पत्रकार और अखबार को एक प्रकार की चेतावनी है कि वह सच और सच्चाई को आम जनों के बीच लाने और छापने का काम किया तो उनके साथ भी वैसे ही कार्रवाई की जा सकती है जैसा इन अखबार समूह के के साथ की गई है ।
आर के राय ने आगे कहा कि केंद्र सरकार जिस प्रकार से फोन टैपिंग और जासूसी प्रकरण में घिर चुकी है ,उससे ध्यान भटकाने के लिए ही भास्कर समूह के ठिकानों पर आयकर की छापामारी की गई। आर के राय यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने लोकसभा में जिस प्रकार से कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की हुई मौत के आंकड़े को छुपाने का काम किया उसे भाष्कर समूह के अखबारों ने विभिन्न राज्यों से सच्चाई को सामने लाकर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था का पर्दाफाश कर ये स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार ने संसद को गुमराह करके लोकतंत्र की गरिमा को कमजोर किया है अब इस मामले में अखबार के पन्नों के सहारे माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा किया है तो सरकार तिलमिलाहट अखबार के दफ्तर और अन्य स्थानों पर केंद्रीय एजेंसियों का सहारा लेकर पत्रकार और पत्रकारिता को डराने का तरीका अपनाया है। नरेंद्र मोदी सरकार किसी भी मुद्दे चाहे स्वास्थ्य व्यवस्था के मामले हो, चाहे शिक्षा व्यवस्था और चाहे महंगाई रोकने के प्रति गंभीर नहीं है ।
आर के राय ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अपनी वाहवाही चाहती है और इसके लिए कुछ गोदी मीडिया के लोगों का सहारा लेकर सच्चाई से मुंह मोड़ने का कार्य कर रही है और जो भी मीडिया या अखबार सच और सच्चाई को सामने लाने का कार्य करता है उनको तरह-तरह की प्रताड़ना के लिए केंद्रीय एजेंसियों का सहारा लेकर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया जाता है ।
आज उसी कड़ी में भाष्कर समूह पर कार्रवाई की गई है, जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने वाली कार्रवाई है इस तरह की कार्रवाई रोक के लिए सभी मीडिया समूह के साथ-साथ आम जनों को भी केंद्र सरकार की जन विरोधी और पत्रकारिता को कमजोर करने वाली कार्रवाई के खिलाफ मजबूती के साथ उठ खड़ा होना होगा अन्यथा बारी-बारी से केंद्र सरकार का डंडा सब पर चलेगा।
आर के राय
राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अप्पन पार्टी