आर्थिक क्रांति
आर्थिक क्रांति:
कुल केंद्रीय कर में बिहार का कितना योगदान है ? और कुल केंद्रीय कर से बिहार को कितना मिलता है ?
~ यह दोनो आंकड़े आपको शर्मिंदा कर देंगे । आज से ठीक 11 साल पहले तब के प्रख्यात टीवी पत्रकार श्री विनोद दुआ जी की कुछ ऐसी बात मुझे तीखी लगी थी और एक तेजी से पनप रही दोस्ती राज्य की भावना में टूट गई ।
: लेकिन , अब बहुत जल्द विकसित राज्य इस पर सवाल उठाएंगे की जब बिहार प्रतिमाह सिर्फ 1000 करोड़ ही जीएसटी उगाही कर पा रहा है तो फिर हर साल के कुल केंद्रीय कर का 10% के आस पास बिहार को क्यों मिले ? 14 वे वित्त आयोग में यह राशि लगभग 1.5 लाख करोड़ प्रति वर्ष बिहार को मिली है । महाराष्ट्र प्रतिमाह करीब 17 हजार करोड़ का जीएसटी देता है , हरियाणा जैसा छोटा राज्य भी प्रतिमाह 6000 करोड़ और अपना बिहार 1000/1200 करोड़ पर दम तोड़ दे रहा है । भाई मेरे , कल को दबंग मराठी पूछेगा । संजय राऊत संसद में जब गरजेगा तब ललन सिंह अपना चश्मा खोजने लगेंगे की अभी जातीय जनगणना में हम लोग व्यस्त है ।
~ आप अपनी हर एक योजना के लिए केंद्र का मुंह ताकते हैं । आपका नसीब बढ़िया है की वित्त आयोग का अध्यक्ष एक बिहारी पूर्व नौकरशाह बाबू श्री नन्द किशोर सिंह जी उर्फ नंदू बाबू है । 3000 हजार एकड़ के जोतनिहार परिवार के । पूरा खानदान आईएएस है ।
~ जितनी जल्द हो सके बिहार में आर्थिक क्रांति लाएं । हर एक जिला को लघु उद्योग के लिए चिन्हित करें । लघु उद्योग के लिए पैसा बाद में दीजिएगा , पहले वातावरण तैयार कीजिए । लाखों बिहारी वापस लौटेंगे ।
~ अंत में एक बात, लघु उद्योग के वातावरण से सबसे ज्यादा फायदा अति पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा समाज को होगा क्योंकि उनकी अधिकांश जातियां इसी सामाजिक लघु उद्योग से जन्म ली है । बात को समझिए और वोट बैंक चुनाव के वक्त । अभी सरकार पर दबाव बनाएं ।