*भोजपुरी के शेक्सपियर के नाम से विख्यात महान लोक कलाकार स्व.भिखारी ठाकुर जी की मनाई जयंती*

*भोजपुरी के शेक्सपियर के नाम से विख्यात महान लोक कलाकार स्व.भिखारी ठाकुर जी की मनाई जयंती*

*मुकेश आर्ट एंड कल्चर संस्था की ओर से झूम एप के माध्यम से किया गया कार्यक्रम का आयोजन*

जेटी न्यूज।

समस्तीपुर::- जिला अंतर्गत मुकेश आर्ट एंड कल्चर संस्था की ओर से भोजपुरी के शेक्सपियर के नाम से विख्यात भोजपुरी के महान लोक कलाकार एवं रंगकर्मी स्व.भिखारी ठाकुर की जयंती 9:00 बजे रात्रि में झूम एप के माध्यम से मुकेश कुमार के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इसके लिए तकनीकी सहयोग सौरभ ने दिया। बैठक 9:00 बजे रात्रि से 09.40 बजे रात्रि तक चला। इस जूम मीटिंग में पटना से महान कलाकार शैलेश महाजन, गुडगांव से कंपनी सेक्रेटरी पंकज कुमार, बंगलोर से महान नृत्यांगना पल्लवी श्री, समस्तीपुर से कंपोजर व संगीत शिक्षिका मधु, महान रंगकर्मी विनय सिन्हा, शिक्षक विकास गुप्ता, संगीत शिक्षक मंगलेश आदि ने स्व. भिखारी ठाकुर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। पल्लवी श्री ने गाकर उनकी रचना को सुनाया, विनय सिन्हा ने कुछ संस्मरण को पटल पर रखा, शैलेश महाजन ने कहा कि स्व. भिखारी ठाकुर एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। वे अपनी ओजपूर्ण अभिव्यक्ति से जनमानस में राष्ट्र भक्ति के नए ऊर्जा का संचार करते थे।वे ग्रामीण जीवन, अशिक्षा, नारी समस्या पर बेबाक टिप्पणी करते थे। उन्होंने बिहार की माटी की खुशबू को मॉरिशस, म्यंमार, फिजी, त्रिनीदाद, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में जाकर फैलाया। उनका लोक नृत्य बिदेशिया नाच के नाम से भी मशहूर हुआ। ऐसे प्रतिभा सम्पन्न कलाकार का जन्म 18 दिसम्बर 1886 को हुआ, जबकि मृत्यु 10 जुलाई 1971 ई को हुआ। उन्हें अनेक सम्मान से नमाजा गया। आज उनके ऊपर शोधार्थी भी विश्वविद्यालय में शोधरत हैं।

मुकेश कुमार ने कहा कि बिहार के सारण जिला के कुतुबपुर (दियारा) के शिवकला देवी एवं दल सिंगार ठाकुर के पुत्र स्व. भिखारी ठाकुर ने समाज में व्याप्त कुप्रथा के विरुद्ध अपनी अद्भुत कला के माध्यम से जागृति लाने का प्रयास किया। यानि एक आम आदमी ने भोजपुरी को खास बना दिया। तभी तो कोई उन्हें भरत मुनि की परंपरा का पहला नाटककार मानता है तो कोई भोजपुरी का भारतेंदु हरिश्चंद्र मानता है। जबकि महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन ने उन्हें ‘भोजपूरी का शेक्सपियर’ की उपाधि दी। भारत सरकार ने भी उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पदम् श्री’ से पुरस्कृत किया। वर्ष 2021 में भारत सरकार ने इनके शिष्य 94 वर्षीय रामचन्द्र मांझी को भी पदम् श्री से पुरस्कृत किया। आज भोजपुरी बोलने वाले अपनी जिस भाषा पर गर्व करते हैं, इसके पीछे बिहार की लोक संस्कृति के संदेश वाहक, कवि, गीतकार, नाटककार स्व.भिखारी ठाकुर का अपनी भाषा के प्रति अप्रतिम लगाव व इसके प्रचार, प्रसार हेतु किया गया जीवनपर्यंत संघर्ष का बड़ा योगदान है।

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