*ओमिक्रोन वेरिएंट की तीसरी लहर 2022 में आएगी: विषेशज्ञ*

*ओमिक्रोन वेरिएंट की तीसरी लहर 2022 में आएगी: विषेशज्ञ*

जेटी न्यूज।

नई दिल्ली::- देश में ओमीक्रोन वेरिएंट के बढ़ने की वजह से लोगों को कोरोना की तीसरी लहर आने का डर सता रहा है। आए दिन राज्य में मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।

एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल समिति के सदस्यों ने कहा कि एक बार ओमीक्रोन वेरिएंट, अगर डेल्टा वेरिएंट की जगह लेता है और इसका प्रकोप बढ़ जाता है, तो निश्चित रूप से भारत में कोरोनावायरस की तीसरी लहर आएगी। कोविड सुपरमॉडल पैनल के चीफ विद्यासागर ने बताया है कि ओमीक्रोन के कारण, तीसरी लहर अगले साल की शुरुआत में आ सकती है और फरवरी में इसके चरम पर पहुंचने की संभावना है।

देश की प्रमुख समाचार एजेंसी एएनआई ने विद्यासागर के हवाले से कहा है कि, “भारत में अगले साल की शुरुआत में तीसरी लहर आने की संभावना है। देश में अभी बड़े पैमाने पर इम्युनिटी मौजूद होने के कारण यह दूसरी लहर की तुलना में हल्का होना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “तीसरी लहर जरूर होगी। अभी देश में हर रोज लगभग 7,500 मामले आ रहे हैं। अगर डेल्टा की जगह ओमीक्रोन ने गंभीर रूप ले लिया, संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।”

हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत में दूसरी कोविड लहर की तुलना में संक्रमण के ज्यादा मामले आने की संभवना नहीं है। मतलब कि संभावित तीसरी लहर दूसरी लहर से हल्की होगी।

विद्यासागर, जो आईआईटी हैदराबाद में प्रोफेसर भी हैं, उन्होंने जोर दिया कि जब डेल्टा वेरिएंट ने हिट किया था, तो वैक्सीन प्रोग्राम को फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा और लोगों के लिए भी बढ़ाया गया था। यह सुझाव देते हुए कि दूसरी Covid-19 लहर की शुरुआत के दौरान ज्यादातार आबादी का वैक्सीनेशन नहीं हुआ था।

भारत में सेरोप्रवलेंस डेटा का हवाला देते हुए, IIT के प्रोफेसर ने आगे कहा कि जनता का केवल एक छोटा हिस्सा कोरोनावायरस के संपर्क में नहीं आया है।

उन्होंने कहा, “इसलिए तीसरी लहर में दूसरी लहर के जितने डेली केस नहीं आएंगे। हमने उस अनुभव के आधार पर अपनी क्षमता भी बनाई है, इसलिए हमें बिना किसी कठिनाई के सामना करने में सक्षम होना चाहिए।”

विद्यासागर ने कहा कि मामलों की संख्या ओमीक्रोन की वैक्सीन से बढ़ी इम्यूनिटी और नेचुरल इम्यूनिटी के जरिए वायरस से बचने की क्षमता पर निर्भर करेगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत में सबसे खराब स्थिति में प्रति दिन दो लाख से ज्यादा केस नहीं होंगे।

लेकिन उन्होंने आगाह किया कि ये अनुमान हैं और भविष्यवाणियां नहीं हैं। ये तभी साफ होगा, जब भारतीय आबादी के व्यवहार को देखने बाद, जो डेटा उसे देखा जाएगा।

एक दूसरे पैनल सदस्य, मनिंदा अग्रवाल ने कहा कि भारत में प्रति दिन एक लाख से दो लाख मामलों की रिपोर्ट करने की उम्मीद है, जो कि दूसरी लहर से कम होगा।

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