गणित जीवन का अभिन्न अंग – आनंद लेना चाहिए , रामानुजम आज भी प्रासांगिक – प्रोफेसर एन के अग्रवाल

गणित जीवन का अभिन्न अंग – आनंद लेना चाहिए , रामानुजम आज भी प्रासांगिक – प्रोफेसर एन के अग्रवाल


गणित जीवन का अभिन्न अंग है। गणित का आनंद लेना चाहिए। गणित किसी भी विचार को व्यक्त करने का सबसे सटीक और संक्षिप्त तरीका है। ये बातें आज स्नातकोत्तर गणित विभाग में आयोजित राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर आई क्यू ए सी के डायरेक्टर प्रोफेसर (डॉ )एन के अग्रवाल ने कही। डॉ अग्रवाल ने कहा कि श्रीनिवास अयंगर रामानुजन के जन्मदिन के अवसर पर उनकी याद में उनको सम्मान देने के लिये ये दिवस मनाया जाता है। रामानुजन की 125 वी जयंति के अवसर पर 26 दिसंबर, 2011 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने ये घोषणा की। वर्ष 2012 को राष्ट्रीय गणित वर्ष भी घोषित किया गया। डॉ रामानुजन असाधारण प्रतिभा के धनी थे। 12 वर्ष की आयु में ही ये त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर लिये थे। संख्या सिद्धान्त में उनके कार्यो के कारण इनको संख्याओं का जादूगर भी कहा जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को गणित के महत्व के बारे में बताना है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हार्डी ने रामानुजन के बारे में कहा था कि आज मुझे एक ऐसा गणितज्ञ मिला है, जिसके कारण मैं जाना जाऊँगा।

उनके द्वारा किये गए कार्य आजतक सभी के लिये आश्चर्य का विषय है। छात्रों से कहा कि आप उनके जीवन दर्शन को अपने जीवन में उतारे। इस अवसर पर उपस्थित विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो हरिश्चंद्र झा ने कहा कि सबो को उनके संम्मान में उनके द्वारा गणित के क्षेत्र में किये गए कार्यों को पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाना चाहिए। विभाग के शिक्षक डॉ एस एन रॉय ने रामानुजम के जीवन की महत्वपूर्ण बातों को बताया । उन्होंने कहा कि रामानुजम के कार्य आज तक सॉल्व नही किये गए हैं। विभाग के ही शिक्षक विपुल स्नेही ने बताया कि रामानुजन विश्व की धरती पर भारत का नाम रोशन किया। ये महामानव थे। हमे उनके विचारों को आत्मसात कर लेना चाहिए। इस अवसर पर छात्रों के द्वारा भी अपने विचारों को व्यक्त किया गया। छात्रों के बीच प्रतियोगिता आयोजित की गई। काफी संख्या में छात्रों ने भाग लिया।

Related Articles

Back to top button