जब डॉक्टर ही डॉक्टर को उनके चेंबर से धक्का देकर बाहर कर दे,रोगी देखने से मना कर दे इससे ज्यादा गुंडागर्दी और क्या होगी ?

जब डॉक्टर ही डॉक्टर को उनके चेंबर से धक्का देकर बाहर कर दे,रोगी देखने से मना कर दे इससे ज्यादा गुंडागर्दी और क्या होगी ?

मामला जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर का है,पीड़ित डॉ. प्रमोद इस
गुंडागर्दी से परेशान हैं,पूर्व में भी हो चुके हैं प्रताड़ित

जेटीन्यूज़

आर. के राय:
समस्तीपुर ::समस्तीपुर जिले के खानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित डॉक्टरों के काली करतूतों को उजागर करने वाले डॉ . प्रमोद को लगातार खानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित डॉक्टरों के गिरोह द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है । इसका आलम यही नहीं रुका अलबत्ता डॉ प्रमोद को फर्जी मुकदमा करके, स्वास्थ्य केंद्र से प्रति नियुक्तियां भी कराने का प्रयास किया ।

जबकि बिहार सरकार ने इस प्रतिनियुक्ति को रद्द करते हुए पून: खानपुर प्रखंड में स्थापित करने का आदेश निर्गत किया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि पैन कार्ड आधार कार्ड बैंक खाता में नाम कुछ है और नियुक्ति पत्र में नाम कुछ है यह बात पूछे जाने के बाद से स्वास्थ्य विभाग के माफियाओं ने डॉ प्रमोद को पिछले 8 महीने से स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में जाने से रोकता ही नहीं बल्कि जातिसूचक संबोधन कर मारपीट भी किया जाता है । हैरत की बात है कि यह सनसनी मामला खुद डॉक्टर ही डॉक्टर को प्रताड़ित करते आ रहे हैं। वहीं सोमवार 17 जनवरी 2022 को जब प्रमोद कुमार अपने ओपीडी कक्ष में बैठकर मरीज को देख रहे थे.

उसी समय डॉक्टर नितेश कुमार और डॉक्टर ग्रीन मोहन मिश्रा ने न केवल उनके साथ मारपीट की बल्कि जातिसूचक संबोधन कर ओपीडी से धक्का देकर अस्पताल परिसर से भगा दिया।
यह घटना तैनात सुरक्षाकर्मी के समक्ष होने की बात बताई जा रही है । यह भी चर्चा का विषय है कि यह तमाम लोग अस्पताल परिसर में भी शराब और सुरा और सुंदरी के सेवन करते रहे हैं और विरोध करने पर उन्हें लगातार धमकी मिल रही है। बरहाल सूत्रों की मानें तो डॉ. प्रमोद को प्रताड़ित करने में जिले के सिविल सर्जन की भी मौन सहमति सुनने को मिल रही है,आखिर सारी घटना की जानकारी होने के बावजूद जिले के सिविल सर्जन आखिर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं ? आखिर क्या वजह है कि सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद को परेसान करने वाले डॉ. पर कोई कारवाई नहीं कर रहे हैं। बरहाल ये तो जांच का विषय है । क्योंकि दबे जवान लोग सिविल सर्जन की भी भूमिका इसमें बता रहे हैं ।

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