श्री श्री ठाकुर जी ने कहा है गरीब वे लोग हैं जो दूसरे के सुख को सहन नहीं करते हैं,देख नहीं पाते हैं एवं फांकी देकर चलते हैं: मनोरंजन मंडल

श्री श्री ठाकुर जी ने कहा है गरीब वे लोग हैं जो दूसरे के सुख को सहन नहीं करते हैं,देख नहीं पाते हैं एवं फांकी देकर चलते हैं: मनोरंजन मंडल

जेटी न्यूज

रामगढ़वा पूर्वी चंपारण- ऑनलाइन सत्संग को संबोधित करते हुए ठाकुर जी के परम भक्त व याजक मनोरंजन मंडल दादा ने मंगलवार को कहा कि श्री श्री ठाकुर जी से एक व्यक्ति ने जिज्ञासा किया कि कोई- कोई कहता है कि गरीब लोग पापी होते हैं , इसका क्या अर्थ है ? श्री श्री ठाकुर जी ने कहा कि ” गरीब वे लोग हैं जो दूसरे के सुख को सहन नहीं करते हैं , देख नहीं पाते हैं एवं फांकी देकर चलते हैं। इस प्रकार के दरिद्र को पापी कहा जा सकता है । जो लोग सुकेन्द्रिक हैं, मनुष्यों के सुख शांति के लिए अपना सुख – शांति को त्याग कर देते हैं, ये लोग अन्य लोगों के दुःखों का बोध करते हैं। कुछ दूसरे के सुख -शांति में अपना सुख – शांति बोध करते हैं । ऐसे लोगों के पास कुछ नहीं रहने पर भी वे लोग राजराजेश्वर है। जैसे चैतन्यदेव , ईसामसीह । इन लोगों के समान दुनिया में कहाँ कोई बड़ा है ?”
(आ० प्र०, 21वाँ खण्ड , पृ०सं०151,दिनांक 14 .08 .1952)

||. ?बन्द पुरुषोतमम ?जयगुरु?. ||

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