एक प्रसंग यह भी

एक प्रसंग यह भी


अरुण रंजन
उस दिन देर रात गए फोन आया कि कर्पूरी ठाकुरजी ने मुझे और अंग्रेजी के पत्रकार अरुण सिन्हा को सुबह घर पर बुलाया है। छः बजे अलसुबह अरुण सिन्हा और मैं उनके सरकारी आवास पर पहुँचे। आठ-दस मुलाकाती एवं रात्रि पड़ाव करने वाले लोग बरामदे में बैठे थे। कर्पूरी ठाकुरजी दतवन करते हुए निकले। हमें देखते ही बोले, अच्छा तो दोनों भाई आ गये, लीजिए गाड़ी भी आ गई। देखा, एक खटारा टैक्सी खड़ी थी। कर्पूरीजी भीतर से तमतमाये हुए लगे। बोले, रोहतास के एक गाँव में पुलिस ने तीन हरिजनों को एक बिन्द गिरोह के बारे में पूछताछ करने के लिए घोड़े की टाप से कुचलकर मार डाला। मुगलकालीन जुल्म दोहराया जा रहा है। फिर, उन्होंने अपना चर्चित जुमला कहा, बिहार कबीला युग में लौट रहा है। अच्छा, लोग इस गाड़ी से बढ़िए मैं भी पीछे से आता हूँ। मैं और सिन्हा ठिठके । एक-दूसरे को आँखों-आँखों में देखे, फिर आपस में फुसफुसाये। दरअसल, दोनों कुछ कड़की में थे। जल्दी में एकाध सौ ही लिए दौड़े चले आये थे। कर्पूरीजी मनोभाव के मर्मज्ञ थे। बोले, समझ गया। ड्राइवर से पूछा कितना तेल है, ड्राइवर ने कहा, पाँच लीटर सर । कर्पूरीजी के हाथ में लाल रंग की एक डायरी थी। उन्होंने बरामदे में बैठे लोगों से कहा, आज आपलोगों से थोड़ा-थोड़ा कर्जा लूँगा, घबराइए मत, एक-एक का नाम डायरी में नोट करूँगा। बाद में लौटा दूंगा। लोग प्रसन्नता से मुस्कुराए, जेबों में हाथ जाने लगे, कर्पूरीजी तसीलने लगे। डायरी में हर आदमी का नाम, पता बोलते हुए नोट करते हुए जाते थे। फिर सारे पैसे टैक्सी ड्राइवर को देते हुए बोले-चलो जी रामबालक, तेल भराओ, साहब लोगों को ले जाओ। आप

हम करुआ गाँव पहुँचे। यहाँ सभी घरों के छप्पर पुलिस तथा सामन्तों ने पीट डाले थे। अधिकांश पुरुष एवं महिलाओं के हाथ-पैर टूटे-सूजे हुए थे। एक गाँव में पट्टी बाँधे हुए इतने घायल लोगों को पहले नहीं देखा था। मुसहर टोली में तीनों विधवाएं घुट-घुट कर रो रही थीं, खुलकर रोने में भी भय था। जब हम लोग दोपहर बाद लौटने लगे तो हल्ला औहुआ कर्पूरीजी आ गये, कर्पूरीजी आ गये। माहौल में छाया हुआ पुलिस और सामंतों की वैध एवं अवैध बन्दूकों के आतंक का साया एकबारगी फट गया। विधवाएं बुक्का फाड़कर रोने लगीं। कर्पूरीजी गाड़ी से उतरे और तेजी से मुसहर टोली में घुसते हुए हम पर उचटती-सी नजर डाले और बोले, आपलोग लौटिए। मैं भी पीछे से आता हूँ। इस बार हम दोनों तमतमाए हुए थे।
(स्रोत: नवभारत टाइम्स, पटना)

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