बिहार राज्य किसान सभा ने केंद्र सरकार की बजट को सिर्फ गुलबकौली और जुमलेबाजी बताया

बिहार राज्य किसान सभा ने केंद्र सरकार की बजट को सिर्फ गुलबकौली और जुमलेबाजी बताया

जे टी न्यूज़

बेगूसराय : इस साल केंद्र सरकार की बजट से किसानों को बड़ी उम्मीद थी, विगत 5 वर्षों से सरकार किसानों से प्रोमिस कर रही थी कि 2022 तक किसानों की आय दो गुनी हो जाएगी, मगर दिल्ली में विश्व का सबसे लंबा ऐतिहासिक किसान आंदोलन के सामने घुटने टेकने को मजबूर हुई, मोदी सरकार ने प्रतिशोध में सिर्फ गुलबकौली और जुमलेबाजी के सिवा किसानों के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं दिया हैं, अपने फसल का वाजिब दाम नहीं मिलने तथा घाटे की खेती से हुए बेशुमार कर्जा के कारण देश में लाखों किसान आत्महत्या कर रहे हैं, उनके लिए इस बजट में ऋण माफी, एम.एस.पी की कानूनी गारंटी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की राशि को दोगुना करने, खेती की लागत को घटाने के लिए खाद, कीटनाशक, कृषि यंत्र एवं सस्ती बिजली के लिए सब्सिडी बढ़ाने, मनरेगा को कृषि से जोड़ने, सस्ती सिंचाई एवं कृषि क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के लिए कृषि में सरकारी निवेश बढ़ाने, सरकारी सेवकों की तरह किसानों को ₹10000 मासिक पेंशन देने की उम्मीद थी,

मगर खाद की सब्सिडी में 40000 कड़ोर रू.की कटौती एवं मनरेगा की राशि में कटौती से खेती से जुड़े किसानों एवं खेत मजदूरों को निराशा हुई है, 7 लाख रु.का ड्रोन गरीब किसान कहां से खरीद पाएंगे, खेती में महंगे ड्रोन एवं नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल पर सरकार का जोड़, खेती को कॉर्पोरेट के हवाले करने की साजिश है, जिसके लिए वे तीनों कृषि कानून लाए थे,कुछ कॉर्पोरेट को खुश करने वाले इस कॉर्पोरेट बजट से देश का शेयर मार्केट उछाल मार रही है, शेयर बाजार की खुशियाँ जाहिर कर रही है कि यह बजट बड़े पुंजीपतियों के हित में है,आम किसान इस बजट से मायूस एवं निराश हैं ,इसलिए बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने इस बजट को कॉर्पोरेट पझी बजट की संज्ञा देते हुए बजट के खिलाफ किसानों से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है।

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