तानाशाह कुलपति को बर्खास्त करे सरकार

 

तानाशाह कुलपति को बर्खास्त करे सरकार

जे. टी.न्यूज़
पूसा समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले के पूसा स्थित डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में वहां के छात्र अखिल साह की मौत के लिए जिम्मेवार कुलपति रमेश चंद्र श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने और उक्त घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से कराने की मांग वहां छात्रों ने भारत के राष्ट्रपति सह कुलाधिपति रामनाथ गोविंद से की है। छात्रों का आरोप है कि वर्तमान कुलपति रमेश चंद्र श्रीवास्तव और डीन सोमनाथ राय चौधरी अखिल साह की मौत के मुख्य रूप से जिम्मेवार हैं। घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली और न ही इलाज का कोई प्रबंध किया। जिन-जिन छात्रों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अखिल को इलाज के लिए मुजफ्फरपुर ले जाने का काम किया, उन्हीं छात्रों के ऊपर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपराधिक मामला दर्ज कराया है। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में छात्रों ने सरकार से तत्काल केस वापस लेने और और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है।


ज्ञातव्य हो की छात्रों के खिलाफ पूसा थाना कांड संख्या 44/ 45 /22,45/22 दायर की गई है जिसे वापस लिये जाने का अनुरोध किया गया है। छात्रों का यह भी दावा है की विश्वविद्यालय कुलपति रमेश चंद श्रीवास्तव,डीन सोमनाथ राय चौधरी एवं अन्य के रहते विश्वविद्यालय में स्थिति सामान्य नहीं हो सकती है।कुलपति द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को छात्रों को गुमराह करने की दिशा में उठाया हुआ कदम बताया। छात्रों ने अखिल की मौत के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति और डीन को मुख्य रूप से जिम्मेदार बताया और जिला प्रशासन से इनके ऊपर अपराधिक मामला दर्ज करने और तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है। साथ ही निखिल के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने की भी केंद्र सरकार से मांग की है। इन मांगों के लेकर छात्रों ने विश्वविद्यालय के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और आंदोलन जारी रखने की भी बात कही। इस घटना को लेकर समस्तीपुर जिले के तमाम राजनीतिक दल और सामाजिक कार्यकर्ता कुलपति के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। डीएम से लेकर राष्ट्रपति तक न्याय की मांग उनका उद्देश्य है। छात्रों की एकजुटता का असर दिखने लगा है। विश्वविद्यालय के सुरक्षा पदाधिकारी बीरेंद्र सिंह और अंचल अधिकारी अश्विनी कुमार ने जो मुकदमा दर्ज कराया है उसमें विश्वविद्यालय के कोई शिक्षक या कर्मचारी गवाही देने के लिए तैयार नहीं हैं। कुलपति के दबाव में 2 शिक्षक का नाम दिया गया है। जिसमें से स्पष्ट रूप से एक ने कहा है कि घटना को हम लोगों ने आंख से नहीं देखा है और न ही किसी तरह की शिकायत छात्रों से है। उनके साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार से हम लोग काफी चिंतित हैं।

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