पूसा कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा.रमेशचंद्र श्रीवास्तव के रिश्तेदार यूपी के नोएडा शहर से गिरफ्तार

40 लाख रु. की ठगी मामले में नया मोड़ ?????

= पूसा कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी के रिश्तेदार यूपी के नोएडा शहर से गिरफ्तार

 

= पूर्व कुलपति डा.रमेशचंद्र श्रीवास्तव के ठिकाने पर चल रही छापेमारी तो दूसरी ओर पूर्व कुलपति अपने गिरफ्तारी के भय से हो गए फरार..

जेटीन्यूज़

समस्तीपुर | डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 40 लाख रुपये हड़पने के मामले में एक नया मोड़ आ गया है । फरार चल रहे आरोपित डा.नलिन सिन्हा को पुलिस ने यूपी के नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है। वह ब्रह्मपुरा का रहने वाला है। उनके ब्रह्मपुरा स्थित आवास में शुक्रवार की रात केयरटेकर को बंधक बना कर डकैतों ने डाका डाला था। उनके विरुद्ध मिठनपुरा थाना क्षेत्र के जगदीशपुरी लेन निवासी मुन्नी चौधरी ने एक जून को ब्रह्मपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें डा.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के तत्कालीन कुलपति डा.रमेशचंद्र श्रीवास्तव, उनकी पत्नी रीता श्रीवास्तव व रिश्तेदार ब्रह्मपुरा के डा.नलिन सिन्हा को आरोपित बनाया था। डा.नलिन के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने नोएडा में उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी ने उन्हें मोबाइल पर बातचीत कराई और गिरफ्तारी की सूचना दी |

*आखिर क्या है पूरा मामला*

प्राथमिकी में मुन्नी देवी ने कहा है कि उसकी दो पुत्रियां मोनिका कुमारी व सोनी कुमारी है। दोनों ने डा.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में लिपिक पद पर भर्ती के लिए परीक्षा दी थी। उसके पति के एक मित्र ने ब्रह्मपुरा रेलवे कालोनी के निकट रहने वाले डा.नलिन सिन्हा के बारे में बताया कि उनके बहनोई कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति है। उसकी बहन व कुलपति की पत्नी रीता श्रीवास्तव रुपये के लेन-देन की बात करती है। डा.नलिन ने उसके पति को कुलपति आवास पर बुलाकर बातचीत कराई।
कुलपति ने डा.नलिन के माध्यम से उनकी पत्नी को रुपये देने की सलाह दी। कई किस्तों में उसके पति ने दोनों पुत्रियों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर कुल 46 लाख रुपये दिए। जब दोनों को नौकरी नहीं मिली तो पति ने रुपये लौटाने का दबाव बनाया। कई किस्तों मे छह लाख रुपये वापस किया गया। इस बीच 14 अप्रैल को नलिन अपने पिता की श्राद्धकर्म में उसके पति को बुलाया। वहां प्रसाद खाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। बाद में उनकी मृत्यु हो गई।

वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि कुलपति के ठिकाने पर उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है तो दूसरी ओर पूर्व कुलपति अपने गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार अर्थात भूमिगत हो गए हैं । अब देखना यह है पूर्व कुलपतिडा.रमेशचंद्र श्रीवास्तव आखिर कब गिरफ्तार होते हैं ये तो आनेवाला वक्त ही बताएगा।

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