जयनगर में धुमधाम के साथ मनाया जा रहा गुरूनानक देव जन्मोत्सव

जयनगर में धुमधाम के साथ मनाया जा रहा गुरूनानक देव जन्मोत्सव

प्रो अरुण कुमार/जेटी न्यूज

मधुबनी।मेन रोड स्थित गुरूद्वारा गुरूसिंह सभा में गुरुनानक देव जी का 554 वां प्रकाश पर्व बहुत धुमधाम के साथ मनाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को गुरुनानक जयंती मनाई जाती है। इसी दिन सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का जन्म श्री ननकाना साहिब में हुआ था। इनके द्वारा ही सिख धर्म की नींव रखी गई थी। इस बार गुरुनानक जयंती का पावन पर्व 8 नवंबर 2022 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन को गुरु पर्व, प्रकाश पर्व आदि के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन प्रातः प्रभात फेरी निकाली जाती है और गुरुद्वारों में कीर्तन व लंगर का आयोजन किया जाता है। सिख धर्म के लोग इस दिन को एक उत्सव की तरह मनाते हैं। गुरुनानक जी ने अपने उपदेशों से लोगों को जीवन की सही राह दिखाई। इन्होंने लोगों को एकता का संदेश दिया। गुरुनानक जयंती के पावन पर्व पर आप भी पढ़िए उनके अनमोल वचन। गुरु नानक जी कहते थे कि पैसे हमेशा जेब में होने चाहिए, हृदय में नहीं। मनुष्य को लोभ का त्याग करना चाहिए और सदैव परिश्रम से धन कमाना चाहिए। गुरु नानक जी ने स्त्रियों का सम्मान करने का उपदेश दिया, उनका कहना था कि हमें हमेशा स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए। गुरु नानक जी का कहना था कि सबसे पहले स्वयं की बुराइयों और गलत आदतों पर विजय प्राप्त करनी चाहिए अंहकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है, इसलिए अंहकार का त्याग करना चाहिए और विनम्रता पूर्वक सेवाभाव से जीवन व्यतीत करना चाहिए। गुरुनानक देव जी ने इक ओंकार का संदेश दिया। उनका कहना था कि सबका परम पिता एक ही है इसलिए सभी को एकता और प्रेमभाव के साथ रहना चाहिए।

आज सोमवार को जयनगर गुरूद्वारा गुरूसिंह सभा से पंच प्यारे की झांकी एवं प्रभातफेरी निकाली गई। जो शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए वापस गुरूद्वारा में पहूँची। पंच प्यारे की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। सिख समुदाय के लोगों ने पंच प्यारे पर फूल बरसाते हुए वाहे गुरु दी खालसा वाहे गुरु दी फतेह के नारे लगा रहे थे। सारा बाताबरण गुरू नानक मय हो गया था। कल मंगलवार को गुरूद्वारा में शब्द कीर्तन, लंगर समेत अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे। प्रभातफेरी में गुरूद्वारा के ज्ञानी गौतम सिंह, सरदार कुलबीर सिंह, सरदार राजू सिंह, सेठी सिंह, सरदार रौशन सिंह समेत कई अन्य महिला पुरूषों ने भाग लिया।

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