दो नेपाली लड़कियों को मानव तस्करों के चुंगल से मानव तस्करी रोधी इकाई क्षेत्रक मुख्यालय रक्सौल ने तस्करों के चुंगल से छुड़ाया जेटी न्यूज

डी एन कुशवाहा

रक्सौल पूर्वी चंपारण – इन दिनों भारत नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र रक्सौल में मानव तस्करी वृहत पैमाने पर हो रहा है। तस्करों के द्वारा अपना निजी स्वार्थ सिद्ध करने के लिए यानी थोड़ी से रूपए की लालच में पड़ोसी देश नेपाल से इंडिया में नौकरी दिलाने का झांसा देखकर तस्कर भोले- भाले लड़कों एवं लड़कियों को फंसाकर लाते हैं और ले जाकर दिल्ली, मुंबई, पंजाब सहित इंडिया के कई बड़े-बड़े शहरों बाल मजदूरी तथा वेश्यालयों में उन्हें बिक्री कर देते हैं। जिसके कारण तस्करी का शिकार हुए लड़के लड़कियों का जीवन नरकमय हो जाता है। ऐसा ही तस्करी का शिकार हुए दो लड़कियों के जीवन को नरकमय होने से मानव तस्करी रोधी इकाई क्षेत्रक मुख्यालय रक्सौल (47वीं वा. एसएसबी रक्सौल) द्वारा गुरुवार को बचा लिया गया।
कस्टम चौक रक्सौल के पास मानव तस्करी रोधी इकाई क्षेत्रक मुख्यालय रक्सौल (47वीं वा.एस.एस.बी रक्सौल) टीम की महिला कांस्टेबल मिकी कुमारी व् अमृता कुमारी ने दो नेपाली लड़कियों को नेपाल की तरफ से आते देखा, और उन्हें संदेह हुआ तो उन्होंने उन दोनों को रोक लिया और बातचीत की, तो लड़कियों ने बताया कि वो लोग लुधियाना, पंजाब में कपड़े के कारखाने में काम करने जा रही हैं। उस काम में उन्हें 25 हजार रुपए वेतन भी मिलेगा।
वहीं पर इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा को उनकी बताई कहानी पर विश्वास नहीं हुआ तो नेपाल की एनजीओ आफनता नेपाल बीरगंज से संपर्क किया गया जिससे भाषा की समस्या ना आये। फिर जो लोग इन लड़कियों को पंजाब बुला रहे थे उनको फोन किया गया, तो उन्होंने कहा कि हम लोगों का यहां लुधियाना पंजाब में कपड़े का कारखाना है, इन लड़कियों को यही काम मिलेगा। इस बात से भी जब संतुष्टि नहीं हुई तो इंस्पेक्टर शर्मा ने पंजाब बुलाने वालों का मोबाइल लोकेशन निकलवाई तो छपरा बिहार की लोकेशन निकली तो संदेह हुआ। फिर आगे और जानकारी ली जाने लगी। कुछ समय में पता चल गया कि लड़कियों को लुधियाना पंजाब में कपडे के कारखाने में काम दिलाने के नाम पर बिहार के छप्परा में एक आर्केस्ट्रा में धोखे से ले जाना था। इसके पश्चात जब लड़कियों के घर वालों से सम्पर्क किया गया तो पता चला कि इनके माता- पित्ता को भी इस बात कि कोई जानकारी नहीं है कि उनकी लडकियां भारत में काम करने जा रही हैं। उन्होंने आग्रह किया कि लड़कियों को ना जाने दिया जाए, हम लोग उन्हें लेने रक्सौल आ रहे हैं। फिर लड़कियों को नेपाल पुलिस को बीरगंज में सौंप दिया गया। इस प्रकार बहुत प्रयास के पश्चात मानव तस्करी रोधी इकाई क्षेत्रक मुख्यालय रक्सौल (47वीं वा.) द्वारा दो नेपाली लड़कियों को मानव तस्करों के चुंगल में जाने बचा लिया और जो लोग इन नेपाली लड़कियों को बुला रहे थे उनकी जांच शुरू कर दी गयी है, जिससे उन पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके। इस रेस्क्यू आपरेशन में इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा, हवालदार राम कुमार, महिला कांस्टेबल मिकी कुमारी व् अमृता कुमारी, आफ्नता नेपाल बीरगंज से सुनीता सापकोटा तथा स्वच्छ रक्सौल से सामाजिक कार्यकर्ता रणजीत सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित शामिल थे।

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