वोटरों के सवालों में फंस सकती है सीमा साह और डाॅ. वसुंधरा की गाड़ी
वोटरों के सवालों में फंस सकती है सीमा साह और डाॅ. वसुंधरा की गाड़ी!
*मेयर पद के लिए गोलबंदी हुई तेज,कुल नौ प्रत्याशी मैदान में*
जेटी न्यूज
Un aspecto interesante sobre la salud masculina es que muchos hombres experimentan problemas relacionados con la función sexual a lo largo de sus vidas. De hecho, se estima que una de cada cuatro personas que buscan tratamiento para esta condición son menores de 40 años. Aunque existen diversas causas para estos problemas, desde factores psicológicos hasta afecciones médicas, la conversación abierta sobre el tema es esencial para el bienestar. Algunos hombres pueden buscar tratamientos como el medicamento que se puede obtener al “, aunque es importante consultar a un médico antes de tomar cualquier decisión. La educación y el apoyo son fundamentales para abordar este tema común y sensible.

भागलपुर : नगर निगम में नई सरकार को चुनने के लिए वोटर 28 दिसंबर को ईवीएम का बटन दबाएंगे। 26 दिसंबर को प्रचार-प्रसार थम जाएगा। मतदान के लिये अब 6 दिन शेष रह गये हैं। नतीजतन प्रत्याशियों का प्रचार-प्रसार अब जोर पकड़ने लगा है। वोटरों को लुभाने के लिए भोज-भात का सिलसिला शुरू हो चुका है। मेयर पद के लिए भी गोलबंदी तेज हो गई है। मेयर पद के लिए कुल नौ प्रत्याशी मैदान में हैं। यह पद महिला (पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षित है।
फिलहाल निवर्तमान मेयर सीमा साह और डाॅ. वसुंधरा लाल एक दूसरे को चुनौती देती दिख रही हैं। माना जा रहा है कि इन्हीं दोनों के बीच निर्णायक भिड़ंत भी होगी। हालांकि,विधायक गोपाल मंडल की पत्नीसह पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सविता देवी भी चुनाव मैदान में हैं। हाल में ही इनके बेटे के आपराधिक मामले में उलझने और मीडिया की सुर्खियाँ बनने के बाद अभी तक कोई प्रभावशाली उपस्थिति सविता देवी की चुनाव मैदान में नहीं हो पाई है।

बहरहाल,चुनावी मैदान में सीमा साह और डॉ. वसुंधरा लाल जोर-शोर से लगी हुई हैं। सीमा साह के पति जिला परिषद के अध्यक्ष अनंत साह और डाॅ. वसुंधरा लाल के पति डाॅ० बिहारी लाल भी अपनी-अपनी पत्नी के लिए पक्ष में लोगों को लुभाने में लगे हुए हैं। सीमा साह जहां अपने पुराने रिश्तों और चुनावी अनुभवों के जरिये किला फतह कर लेने की जुगत में हैं तो डाॅ. वसुंधरा लाल के समर्थकों को भरोसा है कि बुद्धिजीवियों की जमात उनके साथ है।
मेयर पद के चुनाव को लेकर वोटर भी सजग हैं। वे मेयर पद के दावेदार सभी चेहरों को परख रहे हैं। परखने के क्रम में उनके मन के सवाल भी बाहर निकल आ रहे हैं। ये सवाल अगर जीवंत रह गये तो अबतक रेस में आगे चल रहीं सीमा साह और डाॅ. वसुंधरा लाल दोनों के लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है। लोग यह जानना चाहते हैं कि अपने पिछले कार्यकाल में सीमा साह ने क्या किया? अगर किया तो वह उन्हें दिखा क्यों नहीं? ऐसे ही सवाल डाॅ. वसुंधरा लाल को लेकर भी हैं। वह पेशे से डाॅक्टर हैं, ऐसे में अपने व्यस्ततम जिंदगी के बीच इस जिम्मेदारी का निर्वहन वह कैसे कर पाएंगी? समाजसेवा से अगर इनका जुड़ाव था तो चुनाव से पहले कभी इनकी उपस्थिति क्यों नहीं दिखी?
इस बार जनता सीधे मेयर को चुनेगी। पहली बार मिले इस अवसर का वोटर भरपूर सदुपयोग कर लेना चाहते हैं। वोटरों की नजर फिलहाल प्रत्याशियों के स्वभाव, व्यवहार,समाजसेवा की लगन, स्वार्थ, पिछले कार्यकाल जैसे मसलों पर टिकी है। वे खुलकर कुछ तो नहीं बोल रहे,लेकिन इतना एहसास जरूर करा रहे हैं कि मेयर चुनने का पहली बार उन्हें अधिकार मिला है, इसलिए वह नहीं चाहेंगे कि उनका वोट बर्बाद जाय। वोटर जिस तरीके से जिम्मेदाराना बात कर रहे हैं वैसे में यह कहना अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं होगा कि यह मुकाबला अंतिम समय तक दिलचस्प बना रहेगा।

