शोध विषय’ पर मार्गदर्शन एवं विमर्श का आयोजन

शोध विषय’ पर मार्गदर्शन एवं विमर्श का आयोजन
जे टी न्यूज

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग के दो शोधार्थी दयाशंकर मिश्रा एवं निराला कुमारी रविवार को अपने-अपने ‘शोध विषय’ पर मार्गदर्शन एवं विमर्श हेतु पधारे। विदित हो कि जब मैं विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग में उपाचार्य के पद पर पदस्थापित था, उस समय वे दोंनो ‘शोध पद्धति'(रिसर्च मेथोडोलोजी) की नियमित ऑनलाइन/ऑफलाइन कक्षाओं में उपस्थित रहते थे। मैंने इन दोंनो की ‘सिनोपसिस’ तैयार करने में मदद की थी। लेकिन वहां से मैं पहले नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, पटना और फिर पूर्णिया यूनिवर्सिटी, पूर्णिया में रजिस्ट्रार बना। पूर्णिया विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार बनने के बाद मुझे पता चला कि यह पोस्ट ‘नॉन एकेडमिक’ है। भले ही उस पद पर बैठा व्यक्ति शुद्ध एकेडमिक ही क्यों न हो।

अन्य विश्वविद्यालयों में किसी भी प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियों में रजिस्ट्रार को आदर और श्रद्धा से बुलाया जाता है, लेकिन पूर्णिया विश्वविद्यालय ही एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जहां रजिस्ट्रार को अकादमिक गतिविधियों से अलग थलग रखा जाता है। यह कैसी सोच है?
उपरोक्त ब्रोसियर जो स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग और इतिहास,पूर्णिया विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस ब्रोसियर में रजिस्ट्रार का नाम नदारद है।
एक कहावत है,अंधेर नगरी और चौपट राजा

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