महिला महाविद्यालय में इतिहास विभाग द्वारा महात्मा बुद्ध जयंती मनायी गयी

महिला महाविद्यालय में इतिहास विभाग द्वारा महात्मा बुद्ध जयंती मनायी गयी
जे टी न्यूज़

समस्तीपुर : महिला महाविद्यालय में इतिहास विभाग द्वारा महात्मा बुद्ध जयंती मनायी गयी। अध्यक्षता प्राचार्या प्रोफेसर डॉ सुनीता सिन्हा के द्वारा की गई। प्राचार्या द्वारा इन महापुरुष के चित्र पर माल्यार्पण तथा पुष्प अर्पित कर , उनकी व्यक्तित्व और उपदेशों पर चर्चा की गई। प्राचार्या महोदया ने कहा कि बुद्ध का अर्थ है पहले से जगा हुआ व्यक्ति। भगवान बुद्ध के उपदेश व बताए गए मार्ग पर चलकर दया करुणा व हिंसा के साथ हम उत्कृष्ट जीवन जी सकते हैं। इनके जीवन का प्रत्येक अध्याय हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि अपना दीपक स्वयं बनो, तुम अपना रास्ता स्वयं बनाओ। प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार कर्ण ने कहा कि महात्मा बुद्ध ने मानवता को सबसे बड़ा धर्म माना ,जो हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इतिहास विभाग के शिक्षक श्री सुरेश साह, डॉक्टर नेहा कुमारी जायसवाल, डाक्टर नीरज प्रसाद तथा डॉ स्वाति कुमारी द्वारा ने इनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए इनके उपदेशों से संबंधित बहुत सारी बातें बताई। श्री सुरेश शाह ने कहा कि वे विश्व के गुरु थे ,जो द्विपक्षीय संधि के आधार हैं।

 

नैतिकता जीवन की उन्नति का आधार है। डॉक्टर नेहा कुमारी जायसवाल ने कहा कि उन्नत जीवन जीने के लिए उनको उनके जीवन से सीख लेने वह उनकी शिक्षा को अपने जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है। बुद्ध पूर्णिमा का दिन ज्ञान करुणा और अहिंसा का जीवन जीने की अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का दिन है । डॉ विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि ध्यान, उदारता व सेवा के कार्यों के माध्यम से भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने “बुद्धम शरणम गच्छामि” का अर्थ भी बताया।

उपस्थित सभी शिक्षकों और छात्राओं ने उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाया। इस आयोजन में इतिहास विभाग की छात्राओं साक्षी कुमारी ,सिमरन कुमारी,पूजा कुमारी ने अपने विचार रखें ।मौके पर डॉक्टर रीता चौहान,डॉक्टर प्रियंका लाल ,श्रीमती ,डॉक्टर कुमारी अनु, डॉक्टर वंदना कुमारी, डॉक्टर लालिमा ,डॉक्टर शगुफ्ता यासमीन ,डॉक्टर श्रीविद्या ,,डॉक्टर , ,डॉ कविता वर्मा, डॉक्टर संगीता कुमारी , डॉक्टर रिंकी कुमारी, ,डॉक्टर अनुराधा, आदि उपस्थित रहे । मंच का संचालन डॉक्टर विजय कुमार गुप्ता ने किया । अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ नेहा कुमारी जायसवाल ने किया।

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