एसपी ने माना सुरक्षा कर्मी होते तत्पर और मुख्य गेट होता बन्द तो़ पकड़े जाते अपराधी, कहा 7 दिनों में बदलेगी सुरक्षा व्यवस्था की सूरत, कोर्ट परिसर में प्रतिनियुक्त होंगे अधिक सुरक्षा कर्मी

एसपी ने माना सुरक्षा कर्मी होते तत्पर और मुख्य गेट होता बन्द तो़ पकड़े जाते अपराधी, कहा 7 दिनों में बदलेगी सुरक्षा व्यवस्था की सूरत, कोर्ट परिसर में प्रतिनियुक्त होंगे अधिक सुरक्षा कर्मी
कार्यालय, जेटी न्यूज ।


समस्तीपुर। सुरक्षा के लिहाज से अति संवेदनषील माने जाने वाले कोर्ट परिसर में बेखौफ बदमाषों की गोली बारी और बदमाषों का बेरोकटोक भाग जाना अपने आप में कई सवाल खडे करता है। एसपी ने भले ही जांच टीम गठित कर दी हो मगर, सवाल तो अपनी जगह हैं ही। कोर्ट परिसर के तीनों गेट पर एक सेक्सन यानि कम से कम चार पुलिस कर्मी तैनात थे फिर भी अपराधी करीब 50 फीट तक पैदल चले, उनमें से एक लडखडा कर गिरा भी मगर फिर भी वे भागने में सफल रहे। कोर्ट परिसर का मुख्य गेट खुला होना सुरक्षा में चूक माना जा रहा है। स्वयं एसपी विनय तिवारी ने माना कि अगर गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मी समय पर गेट बंद कर देते और तत्परता दिखाते तो कोर्ट परिसर में गोलीबारी कर भागने वाले सभी बदमाश शायद पकड़ में आ जाते। प्रत्यदर्शियों की मानें तो घटना को अंजाम देने के बाद सभी बदमाश पैदल ही भागे थे, उनमें से एक गेट के पास लडखडा कर गिरा भी था। लेकिन गेट पर तैनात पुलिस कर्मी ने न तो गेट बंद करने की कोषिष की और न हीं बदमाषों को पकड़ने की कोई चेष्टा ही की। सीसीटीवी फुटेज से पता लगा कि बदमाषों ने फूल प्रूफ तैयारी कर रखी थी। वो तो एक बदमाष का पिस्टल एन वक्त पर धोखा दे गया इसलिए प्रभात की जान बच गई। हलांकि एसपी विनय तिवारी ने मामले की जांच केलिए सदर डीएसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया है। श्री तिवारी ने कहा घटना शराब सिंडीकेट से जुडा है। विदित हो कि शनिवार की दोपहर समस्तीपुर कोर्ट परिसर में चार बेखौफ बदमाशों ने शराब मामले में पेशी को आए कल्याणपुर के प्रभात चैधरी को टारगेट करते हुए गोली चलाई गई थी। जिसमें बंदी प्रभात चैधरी के जांघ में गोली लगी, जबकि उसके साथ अन्य बंदी प्रभात तिवारी के दाहिने हाथ में गोली लगी। जानकार बताते हैं कि समस्तीपुर कोर्ट परिसर में गोलीबारी की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व भी गोलीबारी की घटना हो चुकी है। 2019 में पेषी को आये अषोक यादव पर 5 बदमाषों ने गोली चलाई थी, जिसमें अषोक यादव तो बाल-बाल बच गये थे मगर एक सबजज के आदेषपाल प्रभु प्रकाष जख्मी हो गये थे। कुछ वर्ष पहले परिवार न्यायालय परिसर में भी पेशी के दौरान ही एक बंदी को निशाना बनाया गया। स्थानीय अधिवक्ताओं ने कहा कि इससे पूर्व तीन बार कोर्ट परिसर में गोलीबारी की घटनाएं हो चुकी है। हर घटना के बाद सुरक्षा चुस्तदुरुस्त करने का दावा किया जाता है। लेकिन कुछ ही दिन के बाद स्थिति पूर्ववत हो जाती है।

एसपी श्री तिवारी ने बताया कि प्रभात चैधरी शराब का बड़ा धंधेबाज था। अब तक की जांच में मिली जानकारी के अनुसार शराब धंधे के गिरोह में शामिल बदमाशों ने ही इस घटना को अंजाम दिया है। सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। जिसमे गोली चलाने वालों की हरकत कैद है। इस घटना में दो बंदी को गोली लगी है। किसी पुलिस कर्मी को कोई गोली नहीं लगी है। एसपी ने बताया कि कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नए तरीके से प्लानिंग की जा रही है। इसको लेकर न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं से भी बातचीत हुई है। यहां की सुरक्षा को लेकर अधिक पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। कोर्ट की सुरक्षा को लेकर जो भी उपाय किए जाने हैं, 7दिनों के अंदर करेंगे।

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