सिलाई मशीन के पहिए के साथ गति पकड़ेगी फूल कुमार की जिंदगी

सिलाई मशीन के पहिए के साथ गति पकड़ेगी फूल कुमार की जिंदगी,

जेटी न्यूज न्यू।
मधुबनी नगर : ‘यह सिर्फ सिलाई मशीन नहीं बल्कि मेरे जीवन का आधार है। बीमारी से उबरने के बाद अब मुझे विश्वास है कि मेरी जिंदगी एक बार फिर गति पकड़ेगी।” यह कहना है टीबी से ठीक हो चुके जयनगर अनुमंडल क्षेत्र के 42 वर्षीय फूल कुमार दास का। मालूम हो कि सरकार के द्वारा टीबी उन्मूलन के लिए वर्ष 2025  तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी आलोक में विभाग द्वारा टीबी मरीजों की खोज,दवा के साथ-साथ पोषण राशि तथा फूड बास्केट उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही कई संस्थाओं के द्वारा आजीविका चलाने के लिए उन्हें रोजगार से जोड़ने की पहल की जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को सदर अस्पताल के यक्ष्मा केन्द्र में स्वास्थ्य विभाग एवं आईआईएच संस्था के सहयोग से सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसरिया के द्वारा टीबी मरीज फूल कुमार को सिलाई मशीन उपलब्ध करायी गयी।

15 माह तक दवा सेवन करने के बाद टीबी से पूर्णत: स्वस्थ: विदित हो कि फूल कुमार दिल्ली के कपड़ा फैक्ट्री में काम करते थे। वहीं टीबी से संक्रमित हुए। संक्रमण के बाद उन्होंने कई निजी अस्पतालों में अपना इलाज कराया, लेकिन ठीक नहीं हुए।  उसके बाद लौट कर घर आ गए। इनोवेटर्स इन हेल्थ (आईआईएच ) संस्था के फील्ड कोऑर्डिनेटर उदय कुमार यादव के द्वारा मार्च 2022 में इन्हें चिह्नित किया गया  तथा अनुमंडलीय अस्पताल जयनगर में जांच करवायी गयी। जहां इन्हें एमडीआर टीबी की पुष्टि हुई। उसके बाद अस्पताल से इन्हें  दवा उपलब्ध करायी गयी। लगातार 15 माह तक दवा सेवन करने के बाद आज वह टीबी से पूर्णत: स्वस्थ हो चुके हैं। फूल कुमार ने बताया दिल्ली में इलाज के दौरान काफी पैसा खर्च हुआ। घर में चार सदस्यों का परिवार है। आजीविका चलाना भी मुश्किल हो रहा था। उन्होंने बताया सरकारी अस्पताल से उन्हें न सिर्फ भरोसे का इलाज मिला बल्कि पोषण के लिए राशि भी मिली। इलाज के दौरान उसके खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत प्रत्येक माह 500 भी आते रहे। वह कहते हैं कि पोषण के लिए सरकार हर टीबी रोगी की मदद कर रही है, लेकिन आज जो सहयोग मिला उससे उसकी आने वाली जिंदगी संवर जाएगी।

सम्मानजनक जीवन जीने में करें टीबी रोगियों की मदद: सिविल सर्जन: सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसरिया  ने बताया कि  टीबी मरीज  की मदद के लिए आगे आए सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि का यह प्रयास बेहद सराहनीय है। कई ऐसे टीबी रोगी हैं जो बीमारी के साथ-साथ गरीबी और जीवन यापन से जुड़ी कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं जिन्हें अतिरिक्त सहयोग की बेहद जरूरत है। यदि लोग निक्षय मित्र बनकर इसकी मदद करें तो हर टीबी रोगी स्वस्थ होकर एक सम्मानपूर्वक जीवन जी सकता है। मौके पर एसीएमओ डॉक्टर आरके सिंह, सीडीओ डॉक्टर जी एम ठाकुर,डीपीसी पंकज कुमार, सतीश कुमार पासवान, प्रदीप कुमार आईआईएच के डॉक्टर शैलजा, अमीरुद्दीन अंसारी,रोहित कुमार और उदय कुमार, राजा राम भारती मौजुद रहे।

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