विवादास्पद समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर के एसोसिएट प्रोफेसर को एकीकृत 69 वी संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का बनाया जा रहा केंद्राधीक्षक , आखिर क्यों?

विवादास्पद समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर के एसोसिएट प्रोफेसर को एकीकृत 69 वी संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का बनाया जा रहा केंद्राधीक्षक , आखिर क्यों?

क्या उनकी नियुक्ति कुलपति एल०एन० मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के दबाव में हो रही?

*स्थानीय अखबार के संपादक आर०के० राय ने लगाए कई गंभीर आरोप*

जेटीन्यूज़
समस्तीपुर: ज्ञात हो कि विवादास्पद समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर में चौथे क्रम संख्या के कनीय दर्शनशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर को समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली एकीकृत 69 वी संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में केंद्राधीक्षक बनाया गया है। इस बात को लेकर समस्तीपुर के एक स्थानीय अखबार के संपादक आर०के० राय ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
इस पर श्री राय का स्पष्ट कहना है कि कहीं कुलपति एल०एन० मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के दबाव में तो नहीं समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली एकीकृत 69 वी संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में केंद्राधीक्षक बनाया गया है।

*आगे भी इसपर कई बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए आर० के० राय ने कहा कि-*
करीब 1 साल पूर्व तक समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था,
इस कॉलेज की मनोविज्ञान विभाग की सहायक शिक्षिका डॉ० साधना शर्मा का स्थानांतरण तत्कालीन प्रभारी प्रधानाचार्य द्वारा डॉ० साधना शर्मा को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने एवं उनके यौन शोषण की मंशा से उन्हें परेशान करने की चर्चा भी स्थानीय स्तर पर जोड़ों पर है।
कॉलेज के तत्कालीन प्रभारी प्रधानाचार्य के द्वारा कॉलेज परिसर में नाथूराम गोडसे, भगत सिंह,स्वामी विवेका नंद की प्रतिमा स्थापित करने की चर्चा जोड़ पकड़ने के बाद इस बाबत पूछे जाने के बाद उन्होंने केवल डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा को लगाने की बात कही।
सवाल यह है कि आखिर रातों-रात डॉ भीमराव अंबेडकर एवं स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा किसके प्रस्ताव एवं आदेश से महाविद्यालय परिसर में स्थापित की गई ?आखिर ऐसा किनके कहने पर रातोरात किया गया।
वहीँ उनके 1 वर्ष के कार्यकाल में तकरीबन करोड़ों रुपए से अधिक का फर्जी निकासी भी की गई है।वहीं इस बात पर कहना है कि पूरे कॉलेज में इस बात को सभी लोग जानते हैं।


कॉलेज लाइब्रेरी का ऑटोमेशन बने बने शौचालियो , निकास द्वार, पुस्तकालय रीडिंग रूम आदि का रंगरोहन तथा सेड के निर्माण के एक साल के अंदर पुनः महाविद्यालय के भवनों की रंगाई पुताई करके विश्वविद्यालय की मिली भगत से करोड़ों रुपए की गवन की भी चर्चा जोरों पर है।
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली एकीकृत 69 वी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में कॉलेज के उक्त चौथे क्रम के कनीय एसोसिएट प्रोफेसर को केंद्राअधीक्षक बनने पर भ्रष्टाचार राशि का गवन, प्रश्न पत्र का लीक किया जाना, सहित अन्य गड़बड़ियां होने की चर्चा जोरों पर हो रही है ।
इसी बात की आशंका व्यक्त करते हुए आर०के० राय ने जिलाधिकारी समस्तीपुर को एक लिखित आवेदन दिया जिसमें इसकी जांच की मांग की गई है। साथ ही आवेदन की प्रति राज्यपाल बिहार, मुख्यमंत्री बिहार, शिक्षामंत्री बिहार सहित कई अन्य को भी दी गयी है ताकि किसी भ्रष्ट व्यक्ति को इस पद पर ना बैठाया जाय,जिससे सभी का भला है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार स्तर से इस भ्रष्ट व्यक्ति जो पूर्व से विवादित रहा हो इसकी जांच होती है या लीपापोती की जाती है। हालांकि अगले वर्ष से ही चुनाव भी होने है। निश्चित रूप से मुख्यमंत्री अपनी छवि खराब नही होने देंगे , हाल के दिनों में इनके द्वारा कई भ्रष्ट मंत्रियों तक को नहीं छोड़ा गया है। ऐसे में तो उम्मीद की जा सकती है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने ट्रेक रिकॉर्ड को बरकरार रखते हुए अपने स्तर से इसपर जांच करवाएंगे,हालांकि देखना अभी बाकी है।

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