देशद्रोहियों का देश पर कब्जा। अब देश को तोड़ने की तैयारी

देशद्रोहियों का देश पर कब्जा। अब देश को तोड़ने की तैयारी
आलेख – प्रभुराज नारायण राव
जे टी न्यूज


केंद्र में आरएसएस और भाजपा की सरकार बनने के बाद ही देश में एक उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो गई । नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा नीत नए-नए निर्णय लेकर हमारे देश के धरोहरों के साथ छेड़छाड़ होता रहा योजना आयोग को नीति आयोग , राजपथ को न्याय पथ , इसी तरीके से मुगलसराय को दीनदयाल उपाध्याय नगर और तमाम मुस्लिम धरोहरों को न जाने क्या-क्या नाम दिए जाते रहे । अब तो नामकरण की दुनिया में हमारे राष्ट्र का नाम भी बदलने की घड़ी आ ही गया । अब इन्हें भारत में हिंदुत्व नजर आता है और भारतीय संविधान के मूल आत्माओं को तोड़ मरोड़ करने का मौका आ गया है । यह मौका इसलिए आया है । क्योंकि विपक्ष ने एक मजबूत एकता कायम कर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर एक दल एक उम्मीदवार पर सहमति बनाने के लिए जो गठबंधन का नाम रखा गया है । उसका नाम है इंडिया । यह इंडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित संघ और भाजपा के नेताओं की नींद हराम कर रखी है । यह इंडिया नित्य मजबूत दिखती जा रही है और यह आवाज देश के हर क्षेत्र से निकलने लगे हैं की लाल किले से बिना मतलब की घोषणा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2024 में मैं फिर लाल किले पर आऊंगा । यह उनकी तानाशाहियत को दर्शा रहा था तथा उनके चेहरे से भी झलक रहा था। देश के प्रबुद्ध जनता को यह रास नहीं आ रहा है । इसमें कहीं ना कहीं अधिनायक वाद की बू नजर आ रही है । इसलिए प्रधानमंत्री की इस बेतुकी और गैर लोकतांत्रिक बयान लोकतंत्र की जड़ों को हिलाने जैसा है ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो बहुत स्पष्ट तौर पर कहा जाए कि वह आरएसएस के निर्देशों पर लगातार चल रहे हैं । जब मोहन भागवत इस देश का नाम भारत रहने देने का सुझाव देते हैं ।तो नरेंद्र मोदी उसे मूर्त रूप देने के लिए संविधान में संशोधन करने , बल्कि सच तो यह किस संविधान को समाप्त कर देने की मुहिम में लग जाते हैं । उन्हें इस बात पर भरोसा आ गया है कि हिंदुत्व के सिवाय 2024 के चुनाव को जीतकर सत्ता हासिल करने का दूसरा कोई रास्ता नहीं बच गया है।इसलिए अब बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में बनी हमारे देश के संविधान के मूल आत्मा को समाप्त कर देना चाहते हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरएसएस के इशारे पर पिछले दिनों देश के इतिहास को बदल देने की मुहिम जारी किए और उसके आधार पर नए इतिहास लेखन का भी जवाब देही संघ के कट्टर हिंदू प्रचारकों को दिया गया । जिनकी निगाह में देश को दुनिया के निगाह में आश्चर्यजनक चीजों को देने वाले मुगल साम्राज्य जैसे ताजमहल , कुतुब मीनार , लाल किला न जाने कितने किले और देश के लिए धरोहर देने वाले मुगलिया सल्तनत जिसका आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर ने यह कहा कि ब्रिटिश हुकूमत से यह कहा कि अगर मुझे मेरी मौत के बाद मिट्टी देने का वक्त आएगा तो मुझे तीन गज हाथ इसी भारत में ही मुझे दफनाक देने के लिए चाहिए । ब्रिटिश साम्राज्यवाद की गुलामी स्वीकार नहीं करने वाले बहादुर शाह जफर को रंगून जेल में भूख लगने के बाद उनकी थाली में उनकी दोनों बेटे का सर परोसा गया ।तब भी बहादुर शाह जफर के चेहरे पर कोई शिकन नहीं आई थी । जिसने एक सुई को भी बनाया तो वह इस देश में ही रह गया । उस मुगलिया सल्तनत को संघ भाजपा और नरेंद्र मोदी की सरकार देश के लुटेरों के रूप में लोगों के बीच बतलाना चाहती है । जबकि ब्रिटिश साम्राज्यवाद में हमारे देश की एक-एक संपत्ति कोहिनूर तक को इंग्लैंड लेकर चला गया ।

उसका तलवा चाटने का काम उसके निर्देश पर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ चल रहे संघर्ष में फूट डालने के लिए हिंदू मुसलमान के बीच तनाव पैदा करने का काम गुलामी के दौर में इनके अग्रज और उस दौर में उनकी पार्टी हिंदू महासभा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग करते रहे । जिस हिंदू महासभा और संघ के लोगों का आजादी की लड़ाई में एक कतरा खून तक नहीं बहा । बल्कि इनका आजादी की लड़ाई सबसे बड़ा शेर सावरकर जो देश के साथ गद्दारी किया । जेल की सजा होने के बाद जिसने 6 बार इंग्लैंड की महारानी को माफी नामा पत्र भेजकर कभी भी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलने की कसमें खाई । मुझे माफ कर दिया जाए और जेल से बरी कर दिया जाए । तो महारानी के आदेश पर मैं काम करूंगा और यही कारण था जेल से छूटने के बाद गद्दार सावरकर को अंग्रेजी हुकूमत द्वारा 60 रुपए प्रतिमाह पेंशन दिया गया । उस गद्दार को सबसे बड़ा आजादी की लड़ाई का प्रतीक , धरोहर जिसको वीर सावरकर का उपाधि इनके द्वारा दिया जाता रहा है । यहीं इनकी राष्ट्र भक्ति का सबसे बड़ा जज्बा है ।
आज हिंदुस्तान की गद्दी पर महात्मा गांधी के हत्यारों और देशद्रोही विचार रखने वालों का कब्जा है । यह साम्राज्यवाद के चहेते हैं । इनकी सोच मालिक और मजदूर पर आधारित है ।यह बड़े पूंजीपतियों के पक्षधर है और मजदूर वर्ग को तलवा में रखना चाहते हैं । यही इनका विचारधारा है । भारत के संविधान की मूल आत्मा जो इंडिया पर आधारित है । जब से विपक्ष ने इंडिया का नामकरण किया है । तब से यह गद्दी छिनने की डर से इंडिया को ही देशद्रोही शब्द बतलाने में लगे हुए हैं।
जबकि सच्चाई यह है कि हमारे संविधान की मूल आत्मा में इंडिया डायट इज भारत , वी आर पीपूल आफ दी इंडिया जैसे पंक्तियों से हमारे संविधान की शुरुआत होती है । उसे भी अब देशद्रोही मान रहे हैं । यह भारत और इंडिया के बीच युद्ध की स्थिति पैदा करना चाहते हैं और देश के लोगों को साजिश के तहत दो हिस्सों में बांटना चाहते हैं । जिसमें भारत के नाम पर इन्हें हिंदुओं का भारी संख्या नजर आता है और इंडिया कमजोर हो जाएगा जान पड़ता है । प्रधानमंत्री जी यह अपने देश के लोगों को पता है कि हिंदू अरबी भाषा का एक शब्द है और उस शब्द के आप आज हिमायती है और जब वह हिंदू वोट आपके बहकावे में नहीं आएगा तो निश्चित रूप से आप हिंदुत्व जैसे शब्दों को मिटा देना चाहेंगे। इसलिए देश की जनता आपके लोकतांत्रिक सरकार और आपकी गतिविधियों को जान चुकी है ।

हिटलर का वंशज जिसका पैदाइश तानाशाही से होता है । वह लोकतांत्रिक परंपराओं में कतई विश्वास नहीं रख सकता । देश की गद्दी मिलने के बाद आपके कदम हिटलर और मुसोलिनी के पद चिन्हों पर चल पड़ा है । आप देश के अंदर जिस तरीके से यहूदी और नाजीयों के बीच खून की नदियां बही थी । लाखों लाख लोग मारे गए थे । यह कार्रवाई हिटलर और मुसलोनी ने अपनी सत्ता के लिए की थी । उ इतिहास को आप भारत में दोहराना चाह रहे हो और हिंदू तथा गैर हिंदू के नारे को देकर नफरत पैदा करके सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर , मंदिर मस्जिद का विवाद खड़ा कर, हिंदू मुस्लिम के बीच तनाव पैदा कर इसे अंजाम देना चाहते हो तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , आरएसएस और भाजपा के लोगों यह देश नहीं । यह देश अनेकता में एकता कायम रखने वाला देश है । हमने बड़ी से बड़ी लड़ाइयों को लड़ा है । ब्रिटिश साम्राज्यवाद को भी हमने परास्त किया है ।अधिनायक वादी शक्तियों को भी हमने परास्त किया है और हिटलरवादी ताकत भी परास्त होगा । इसको कोई माई का लाल नहीं रोक सकता।

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