एनएनएस स्वयंसेवकों एवं गार्गी सदन गर्ल्स हॉस्टल के छात्राओं को विकसित भारत @ 2047 के प्रति किया गया जागरूक

एनएनएस स्वयंसेवकों एवं गार्गी सदन गर्ल्स हॉस्टल के छात्राओं को विकसित भारत @ 2047 के प्रति किया गया जागरूक

जे टी न्यूज़ ,गया : दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय सीयूएसबीके छात्र – छात्राओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत अभियान को सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं | जन सम्पर्क पदाधिकारी पीआरओ ने बताया कि इसी क्रम में कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना एनएसएस के द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है |इस कार्यक्रम में एनएसएस की कार्यक्रम पदाधिकारी रेणु ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को पूरा करने में देश के युवाओं की भूमिका पर बल दिया है। जनभागीदारी, डिजिटल इंडिया, वोकल फॉर लोकल, स्वच्छ भारत अभियान,सबका साथ सबका विकास जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के द्वारा हम आज़ादी के 100 साल होने के बाद के स्वर्णिम भारत को बना सकते हैं। इस कार्यक्रम में एनएसएस के कॉर्डिनेटर डॉ. बुद्देंद्र सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए विकसित भारत के संकल्प को दोहराया और उसमें एनएसएस स्वयंसेवकों के योगदान को रेखांकित किया है। एनएसएस स्वयंसेवकों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के लिए संकल्प लिया है।वहीं गार्गी सदन गर्ल्स हॉस्टल के छात्राओं लिए विवेकानंद सभागार में “विकसित भारत 2047” कार्यक्रम चीफ वार्डेन रेणु और वार्डेन डॉ. नेहा शुक्ला की देखरेख में आयोजित किया गया है रेणु ने अपने सम्बोधन में कहा कि सामाजिक विकास, आर्थिक विकास, पर्यावरण, बेहतर शासन सभी आपस में जुड़े हुए हैं। एवं विकसित भारत का रास्ता इन्हीं के बेहतर समन्वय से बनाया जा सकता है।आयोजन में छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और विकसित भारत से सम्बंधित अपने विचारों को साझा किया है ।निशा कुमारी ने कहा कि सकारात्मक सोच और अपने प्राचीन गौरव से प्रेरणा लेकर लक्ष्य तक जा सकते हैं। ब्यूटी कुमारी ने कहा कि स्त्री सुरक्षा, स्त्री-पुरुष अनुपात और संघीय एकता विकसित भारत के लिए आवश्यक है। सौम्या तोमर ने तकनीकी दक्षता,समान अवसर, हरित औद्योगिक विकास और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के रास्ते लक्ष्य तक पहुंचने पर बल दिया है । रिया खातून ने मॉरल वेल्यू, सेक्स शिक्षा आदि की जरूरत को चिह्नित किया है।अमृता कुमार ने स्थानीय निर्माण और उसके प्रसार को और बेहतर करने की जरूरत को बताया है।चंदा ने सतत विकास के नज़रिए से ऊर्जा,पानी के उपयोग और उसके संरक्षण के साथ सहयोगी पर्यावरण विकास के रास्ते 2047 तक पहुंचने के बारे में बताया है ।अंत में वार्डेन डॉ. नेहा शुक्ला ने विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के लिए संवैधानिक सुधारों पर अपनी बात रखते हुए उसमें सुधार और आगामी भविष्य की ज़रूरतों के हिसाब से बदलाव की बातों को स्पष्टता के साथ रखा है। उन्होंने आयोजन में शामिल छात्रों एवं कर्मचारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विकसित भारत 2047 के संकल्प को दोहराया।

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