डेढ़ दशक से लंबित कमतौल–बिस्फी –मधुबनी रेल लाइन सर्वे के सवाल पर कारवाई का आश्वासन

डेढ़ दशक से लंबित कमतौल–बिस्फी –मधुबनी रेल लाइन सर्वे के सवाल पर कारवाई का आश्वासन

रेल मंडल समिति की संसदीय बैठक में प्रमुखता से उठा मिथिलांचल की उपेक्षा का मुद्दा

 

जे टी न्यूज, मधुबनी:

रेल महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेवाल व मंडल रेल प्रबंधक विनय श्रीवास्तव की मौजूदगी में रेल मंडल समिति के सांसदों की बैठक में मधुबनी जिला से जुड़े आम जनमानसो का मुद्दा प्रमुखता से गूंजता रहा। सांसदों के इस रेल मंडल समिति बैठक में राज्यसभा सांसद डॉ फैयाज अहमद के प्रतिनिधि विष्णुदेव सिंह यादव ने कहा कि रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा बजट भाषण 2008–2009 में मधुबनी भाया बिस्फी – कमतौल के बीच 30 किलोमीटर तक एवं घोघरडीहा भाया भलुआही घोघेपुर कुल 50 किलोमीटर तक नई लाइन के निमार्ण के लिए सर्वे कराने की बात कही गई थीं ।

परंतु 14 वर्ष बीत जानें के बाद भी सर्वे नहीं कराकर रेल लाइन का निमार्ण कार्य नहीं कराना रेल मंत्रालय द्वारा मिथिलांचल की लगातार उपेक्षा की जा रही हैं। जिस कारण महा कवि कोकिल विद्यापति की जन्मस्थली बिस्फी सहित जुड़े कई क्षेत्र के यात्रियों को खासे समस्या का सामना करना पड़ता हैं।

वहीं जाम की समस्या से निजात को लेकर मधुबनी स्टेशन से सटे उत्तर व दक्षिण के रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज निमार्ण के कार्य को प्राथमिकता देने के साथ ही मधुबनी रेलवे स्टेशन से सटे पश्चिम एवं पूरब जर्जर सड़क के मरम्मती शीघ्र कराने का आग्रह किया गया हैं।

बैठक में दरभंगा के काकरघाटी स्टेशन स्थित जयनगर से दिल्ली जाने वाली ट्रेन के ठहराव हेतू प्रस्ताव रखा गया। रेल महाप्रबंधक ने संबंधित प्रस्ताव एवं लंबित मांगों पर शीघ्र सकरात्मक आश्वासन दिया गया।

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