चुनावी चंदा के रुप में जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने वाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराओ आलेख – प्रभुराज नारायण राव

चुनावी चंदा के रुप में जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने वाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराओ
आलेख – प्रभुराज नारायण राव

जे टी न्यूज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अंदर घोटालेबाजी के चरम सीमा को पार कर दिया है । भारत के इतिहास का अब तक के सबसे बड़ा घोटाला है। 2018 से चल रहे चुनावी बांड के माध्यम से बड़े-बड़े व्यापारियों द्वारा राजनीतिक दलों को जो पैसे दिए गए । वह अब तक का सबसे बड़ा घोटाला के रूप में उभर कर सामने आया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी बांड से मिलने वाले पैसे को गुप्त रखने की सारी व्यवस्थाएं कर ली थी और बॉन्ड देने वाले कंपनियों को भी उनका नाम गुप्त रखने का आश्वासन दे रखा था।
यहीं कारण था कि 12 हजार 7 करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड में से भाजपा को अकेले 6 हजार 4 सौ करोड़ का भारी रकम यानी 50 % से भी ज्यादा पैसे भाजपा को मिला था। चुनावी बॉन्ड को भारतीय स्टेट बैंक अभी भी छुपा रही है। क्योंकि वे सभी पैसे जनता की सार्वजनिक संपत्ति को लूटने वालों ने भाजपा को दिया था। इस तरीके से देश के तथाकथित चौकीदार ने जनता की पैसे की रक्षा करने के नाम पर कालाबाजारियों को लूटने की पूरी छूट दी और उसका एक मोटा हिस्सा पार्टी के चंदा के नाम पर ले लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की जा रही इस लूट के खिलाफ भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने सुप्रीमकोर्ट में एक अपील दायर किया। जिसकी सुनवाई के दौरान 15 फरवरी 24 को सुप्रीमकोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को अवैध करार दे दिया और कुल बॉन्ड की बिक्री,खरीदने वालों के नाम तथा राजनीतिक दल के खाते में डाले गए पैसे का पूरा विवरण सुप्रीमकोर्ट ने स्टेट बैंक से 6 मार्च को मांगा। स्टेट बैंक ने 30 जून से पहले पूरी जानकारी देने में असमर्थता व्यक्त किया। स्टेट बैंक को फटकार लगाते हुए सुप्रीमकोर्ट ने 6 मार्च तक चुनावी बॉन्ड की पूरी सूची सौंपने को कहा। स्टेट बैंक सुप्रीमकोर्ट के साथ लुका छिपी का खेल खेलता रहा । इसके पीछे उसकी मंशा थी कि लोक सभा चुनाव तक इस घोटालेबाजी का भंडा फोड़ने से रोका जाय । ताकि नरेंद्र मोदी की घोटालेबाजी पर पर्दा पड़ा रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जिस एक सौ 40 करोड़ लोगों को अपना परिवार बताते हैं। उसी जनता की गाढ़ी कमाई को लुटा और लुटवाया है। मोदी ने मोटी चंदा लेने के बदले सार्वजनिक क्षेत्र के ठेकों को कालाबाजारियों को देकर लूटा है। ऐसे कई घटनाएं हैं कि जिस कंपनी का रिटर्न 30 करोड़ रुपए है। वह एक सौ करोड़ का बॉन्ड भाजपा को दिया है। ऐसे भी प्रमाण मिले हैं कि जो कंपनियां सरकारी टैक्स की चोरी करती है। उस टैक्स की चोरी का एक हिस्सा बी जे पी को दिया है। ऐसी भी कंपनियां सामने आई है। जो चंदा तो भाजपा को दिया है ,लेकिन घाटे में चल रही है।वैसी कंपनियां जिनपर ई डी का रेड होने पर अपनी बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारी पैसे दिए हैं। बल्कि यह कहा जाय कि जनता की पैसे लूटकर विदेश भागने वाले लुटेरों से भी प्रधानमंत्री पैसे लिए हों। जो सामने आने बाकी हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक घोटाला ही नहीं किया गया।बल्कि घोटालों का बहुत बड़ा सीरियल चलाया गया।
1. नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी हैदराबाद ने 55 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड भाजपा को दिया। जिसको हजारों करोड़ रुपए के ठीके दिए गए। यह वहीं कंपनी है। जिसका उत्तराखंड में कार्य के दौरान सुरंग गीरी थी। जिसमें 41 मजदूर फंसे थे।


2. गुजरात के अहमदाबाद में एक फ्लाई ओवर गिरा था। जो रंजित बिल्डकॉन कंपनी ने बनाया था। वह भाजपा को 9 करोड़ का बॉन्ड दिया। उसको अहमदाबाद, बड़ौदा, राजकोट, सूरत आदि में भी ठीका दिए गए।
3. मेघा इंजीनियरिंग कंपनी ने 966 करोड़ रुपए का एक भारी भरकम इलेक्टोरल बॉन्ड भाजपा के खाते में दिया। जिसके बदले हजारों रुपए के ठेके मोदी सरकार ने दिया था। सी ए जी के रिपोर्ट के अनुसार उस कंपनी को मोदी सरकार ने 5 हजार 5 सौ करोड़ रुपए एस्टीमेट से ज्यादा दिए।
4. मेघा इंजीनियरिंग कंपनी ने 140 करोड़ का बॉन्ड खरीद कर भाजपा को दिया।जिसके बदले 14 हजार करोड़ रुपए के ठेके सार्वजनिक क्षेत्र के दिए गए ।
5. इतना ही नहीं बीफ एक्सपोर्ट कंपनी ने भी भाजपा को बांड दिए और उसके बदले मोदी सरकार ने बीफ के कारोबार में छूट दिए।
6. भारती एयरटेल लि. ने 2019 से 23 तक 198 करोड़ चंदा दिया । जो 65239 करोड़ रुपए के घाटे में है।
7. पी आर एल डेवलपर्स ने 20 करोड़ रुपए दिए, जो 1139 करोड़ रुपए के घाटे में है।
8. पेगासस प्रॉपर्टीज प्रा. लि. ने 10 करोड़ चंदा दिया है। जो 60 करोड़ के घाटे में है।


9. प्रेस्ट्रीज प्रोजेक्ट ने 10 करोड़ रुपए चंदा दिया।जो 16 करोड़ के घाटे में है।
देश की जनता ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर देश की स्मिता व रक्षा की पूरी जवाबदेही सौंप दी। सार्वजनिक क्षेत्र में किसी प्रकार के विकास की कारवाई होती है। तो उसकी गुणवता तथा स्थायित्व की पूरी जवाबदेही भी प्रधानमंत्री की बनती है।
वहां अपनी दायित्व का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन न करके जनता की पैसे का लूटमारी में स्वयं प्रधानमंत्री हिस्सेदार बन जाता है । तो उस प्रधानमंत्री को एक मिनट भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।
इसलिए देश की जनता के पैसों को लूटने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोक सभा चुनाव में बुरी तरह पराजित कर देश और भारत के संविधान को बचाना होगा।

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