मतदाता खामोश चुनावी पारा चढा

मतदाता खामोश चुनावी पारा चढा
जे टी न्यूज, समस्तीपुर:


चुनावी पारा चढा, समस्तीपुर (सु) में राजग ने खोई प्राथमिक बढत, मतदाता खामोश, अनाज नहीं रोजगार चाहिए का शोर बढा
फोटो नं0 – सनी हजारी व शांभवी।
समस्तीपुर। जैसे जैसे लोक सभा चुनाव 2024 के चैथे चरण के मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, माहौल पर चुनावी रंग गहराता जा रहा है। हर गली हर नुक्कड पर चाय की चुस्की लेते हुए लोग चुनावी गुणा-भाग में तल्लीन देखे जा सकते हैं। इसी क्रम में 23 समस्तीपुर (सु) लोक सभा सीट पर चुनावी माहौल बेहद दिलचस्प हो गया है। यहां अगामी 13 मई को मतदान होना है। चुनाव की डुगडुगी बजते ही अपने क्षेत्र में पहुंच कर नामांकन से पुर्व पहले दौर का जन सम्पर्क पूरा कर राजग गठबंधन की ओर से लोजपा रा प्रत्याशी शांभवी ने राजनीतिक बिसात पर प्राथमिक बढत हासिल कर ली थी। मगर इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने स्थानीय उम्मीदवार सनी हजारी को चुनावी समर में उतार कर उनकी वह बढत छीन ली। उपर से जदयू मतदाताओं में बिखराव, और रालोजपा व दलित सेना नेताओं व कार्यकर्ताओं का विरोध, और स्थानीय-बाहरी की हवा ने राजग प्रत्याशी की मुश्किलें बढा दी है। हलांकि चुनावी माहौल मौसम की तरह होता है, जाने कब बदल जाए, मगर मौजूदा हालात में मतदाताओं की खामोश मुस्कुराहट दोनो प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की पेशानी पर बल लाने केलिए काफी है। एक तरफ राजग गठबंधन की ओर से तमाम मंत्री व सांसद, विधायक घर-घर शांभवी की अलख जगा रहे हैं, वहीं इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी स्थानीय कार्यकर्ताओं व नेताओं के सहारे घर-घर हालात बदलने का भरोसा दिलाते फिर रहे हैं। बहरहाल इन दोनों मंत्री संतानों के सीधे आमने-सामने होने से हाॅट सीट बने समस्तीपुर में चुनावी माहौल बेहद दिलचस्प हो गया है।

स्थानीय जदयू कार्यकर्ताओं में एक बडी आबादी है जिन्हें पिछले चुनाव में लोजपा रा सुप्रीमों चिराग पासवान की करतूत याद है जिस कारण शाम्भवी के समर्थन में आयोजित कार्यक्रमों में जदयू कार्यकर्ताओ की उपस्थिति नही ंके बराबर दिख रही है। वहीं रालोजपा को एक भी सीट नहीं दिए जाने और निवर्तमान सांसद की उपेक्षा से रालोजपा और दलित सेना के कार्यकर्ताओं में भी खासी नाराजगी दिख रही है, जो निश्चित ही चुनाव परिणाम को प्रभावित करेंगे। राम मंदिर, मुफ्त अनाज आदि का श्रेय लेने की भाजपा की कोशिश फिलहाल समस्तीपुर में विफल होती दिख रही है। वहीं कई युवा मुफ्त अनाज नहीं रोजगार चाहिए, का नारा भी लगाते दिख रहे हैं। हलांकि मतदाता हर बार की तरह इस बार भी रहस्यमयी मुस्कुराहट के साथ दोनो प्रत्याशियो को जीत का आशिर्वाद देने से नहीं चूक रहे।

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