*सत्ता के लोभी धर्मनिरपेक्षता का चोला पहनने वाले शक्तियों का विरोध करो* आलेख प्रभुराज नारायण राव
*सत्ता के लोभी धर्मनिरपेक्षता का चोला पहनने वाले शक्तियों का विरोध करो*
आलेख प्रभुराज नारायण राव

सांप्रदायिक उन्माद फैलाने वाली भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता नरेंद्र मोदी द्वारा 18 वीं लोकसभा चुनाव के दौरान जो कुकृत किए गए ।वह सब ने देखा है। देश में संविधान की मर्यादाओं को नजरअंदाज करते हुए राजसत्ता की बागडोर नरेंद्र मोदी के हाथ में रहे। इसके लिए देशभर में हिंदू, मुस्लिम ,मंदिर मस्जिद के बीच तनाव पैदा करने का काम होता रहा। इतना ही नहीं राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करने के लिए किसी भी समुदाय विशेष को भी नहीं छोड़ा गया ।
मणिपुर की कुकी समुदाय के औरतों के साथ वर्तमान भाजपा मुख्यमंत्री के गुंडों द्वारा जो कार्रवाई की गई ,दो औरतों को निर्वस्त्र करके उनके संवेदनशील अंगों पर उंगलियां चलाई गई। हजारों की तादाद में भाजपा के लोगों द्वारा दोनों निर्वस्त्र महिलाओं को सड़कों पर दौड़ाया गया और सरेआम उनके साथ बलात्कार किया गया ,यह सबने देखा है ।लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस वीभत्स तथा और अमानवीय घटना पर एक शब्द भी नहीं बोला गया ।नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में गुजरात दंगे के दौरान एक गर्भवती मुस्लिम महिला बिलकीस बानो के साथ भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया ।बरसों बाद उनको जेल की सजा दी गई ।लेकिन गुजरात सरकार ने उन भाजपाई बलात्कारियों को जेल से छुड़वाकर अपने कार्यालय में बुलाकर बलात्कारियों का महिमा मंडन किया गया तथा मिठाइयां खिलाई गई।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बुलडोजर बाबा के नाम से चर्चित आदित्यनाथ योगी द्वारा उत्तर प्रदेश के अंदर मुस्लिम अपराधियों को निशाना बनाकर उनके घर तोड़े गए ।दुकान में लूट पाट की गई।कुछ अपराधकर्मियों को एनकाउंटर भी कर दिया गया और पूरे उत्तर प्रदेश में यह माहौल बनाने का काम भाजपा और योगी सरकार ने किया कि अपराधी का दूसरा नाम मुसलमान है ।जिसकी काफी तारीफ उनके कार्यकर्ताओं और धार्मिक उन्मादियों द्वारा की गई।

लोकसभा चुनाव में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनावी सभाओं में यह कहा गया कि इंडिया गठबंधन की सरकार बन जाएगी, तो भारत पर पाकिस्तान का कब्जा हो जाएगा। अति पिछड़े तथा दलित वर्ग के लोगों को मिलने वाला आरक्षण मुसलमानो को दे दिया जाएगा ।देश की महिलाओं के मंगलसूत्र को बेचकर मुसलमानो को दे दिया जाएगा ।किसानों के भैंस खोल लि lए जाएंगे और मुसलमानो को दे दिया जाएगा। इस तरह के न जाने कितने सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाले झूठ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता के अंदर भटकाव पैदा करने के लिए बोला।
पूरे चुनाव में प्रधानमंत्री संविधान विरोधी कार्य करते रहे। अनेकता में एकता जो हमारे देश की विशेषता है। देश की स्मिता और अखंडता को तोड़ने जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता रहा ।आज अयोध्या की धरती जो भगवान राम का जन्म स्थली है। सत्ता लोलुप नरेंद्र मोदी ने उसका भी नाजायज लाभ लेने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
अयोध्या में सैकड़ो मंदिरों, मस्जिदों और गुजर बसर कर रहे अयोध्या के स्थानीय लोगों के मकानों को तोड़ दिया गया ।यह सारी कारवाइयां भगवान राम के नाम पर की गई। नतीजा भी सामने आया की नरेंद्र मोदी के इस जन विरोधी कार्य के खिलाफ लोगों ने अपना मतदान कर राम की नगरी अयोध्या से भाजपा को बुरी तरीके से परास्त किया।
14 से 2024 तक भारतीय जनता पार्टी का नेता बनकर उसके विचारों को देश में फैलाने का काम किया ।वह अपने को कभी भी एनडीए का नेता नहीं समझा और ना ही एनडीए के कुछ घटक दल, जो समाजवादी विचार रखते हैं । जो धर्मनिरपेक्षता पर भरोसा करते हैं ।उनकी कभी भी परवाह की ।
आज 18 वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद, भारतीय जनता पार्टी की भारी पराजय के बाद , एन डी ए के बगैर सरकार नहीं बन पाने की स्थिति में नरेन्द्र मोदी द्वारा एन डी ए की दुहाई दी जा रही है। जबकि पिछले 10 साल के कार्यकाल में एनडीए को कभी भी प्राथमिकता नहीं दी गई थी । लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में एनडीए के अन्य घटक दलों को याद करना आगामी सरकार बनाने के लिए निहायत ही जरूरी है और यही कारण भी है कि आगे एनडीए के नाम पर 9 महीना पूर्व एनडीए में शामिल हुए चंद्रबाबू नायडू तथा नीतीश कुमार की पूछ बढ़ गई है ।
पिछले दिनों अटल बिहारी वाजपेई के शासनकाल के समय को याद किया जाए ।तो यह बात सामने आ रही है कि चंद्रबाबू नायडू ने अटल बिहारी वाजपेई को समर्थन देने के बदले में अपने सांसद बालयोगी के लिए स्पीकर पद की मांग की थी और अटल जी को देना पड़ा था।
आज उससे भी कठिन दौर का सामना नरेन्द्र मोदी को करना पड़ेगा। कल प्रधानमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाया जायेगा l उसके बाद पहली बार नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार को प्रधानमंत्री की हैसियत से चलाएंगे।
लेकिन देश में सांप्रदायिक शक्तियों के विरुद्ध ,बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में बनी संविधान की रक्षा के लिए एक मजबूत आन्दोलन खड़ा करना होगा।जो निहित स्वार्थ के लिए सांप्रदायिक शक्तियों को समर्थन देने वाले तथाकथित समाजवादी विचार रखने वाले नेता दूध की मक्खी के समान फेंक दिए जा सकें।


