बारिश ने खोली मुख्यमंत्री के लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान की पोल, संपूर्ण थाना झील में तब्दील, नाले जाम…।

बैरकों सहित दफ्तरों में भी घुसा पानी, होमगार्डों और चौकीदारों को करनी पड़ी काफी मशक्कत...।

रौशन कुमार चौधरी, समस्तीपुर (बिहार)

बीती रात झमाझम बारिश हुई तो ग्रामीणों के साथ पुलिस वालों की भी शामत आ गई। बारिश के बाद थाना परिसर तालाब में तब्दील हो गया।

सिपाहियों की बैरकों सहित दफ्तरों में भी पानी घुस गया, जिसे निकालने में होमगार्डों और चौकीदारों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। परिसर में कई नाले चोक होने की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई।

गुरुवार रात हुई तेज बारिश से थाना परिसर में पानी भरने से पुलिसकर्मियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं दफ्तर में भी पानी घुसने से मुंशियों को दिक्कत हुई।

परिसर सिपाही ने बताया कि नालों की सफाई नहीं कराई थी। परिसर के सभी मुख्य नाले और नालियां कीचड़ से लबालब भरे हैं।

बारिश में नाले उफना जाते हैं और इनका पानी घरों में घुसने लगता है। थाना परिसर में भरे पानी को निकालने में पुलिसकर्मियों, होमगार्डों और चौकीदारों को काफी दिक्कत हुई।

आखिर इस परिस्थिति का कौन है जिम्मेदार? नाले क्यों हुए जाम? क्या थाना क्षेत्र में पहली बार हुई बारिश? क्या यह थाना प्रभारी के कारगुज़ारियों पर सवालिया निशान नहीं उठाता?

इस तरह के कई सवाल बीती रात की बारिश उठा रही है। जिला प्रशासन को यथोचित कार्रवाई करना चाहिए। आखिर थाना मेनटेनेंस की राशि जा कहां रही है? अब देखना है कि आगे क्या सब होता है?

 ठाकुर वरुण कुमार। ✍

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