*केसरिया के बैरिया हाई स्कूल मे मध्य प्रदेश के 44 खाना बदोस मजदूर हैं फंसे*

*केसरिया के बैरिया हाई स्कूल मे मध्य प्रदेश के 44 खाना बदोस मजदूर हैं फंसे

*जे०टी० न्यूज संवाददाता रंजन कुमार*
*केसरिया /पू०च०:-*
प्रखण्ड क्षेत्र के शहीद भगत सिंह उच्च विद्यालय बैरिया में मध्य प्रदेश के रहने वाले 44 खानाबदोस मजदूर लॉकडाउन लागू होने के बाद वहीं फंसे गए हैं।

अचानक लॉक डाउन लागू होने के कारण वे अपने गांव वापस नहीं लौट पा रहे हैं। दूसरी तरफ वहां उनके रहने और खाने की उचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

वो लोग काफी परेशान हैं।  इन मजदूरों का कोई सुधी लेने वाला नहीं है। ग्रामीणों के सहयोग से इन लोगों का अबतक जीवन यापन चल रहा है यहाँ नौ लोगों का परिवार है जो मध्य प्रदेश के सागर जिले के मानथन गांव के रहने वाले हैं।

इन लोगों का पहनावा राजस्थानी की तरह हैं। ये लोग कड़ी मेहनत कर लोहा को पीट पीट कर छोटे छोटे घरेलू समान हसुआ, खुरपी, चाकू कटार, दाब व कई तरह के सामनो का निर्माण करते हैं व छोटे छोटे हाट बजारों में बेचते हैं फिर उसी से  जिन्दगी चलती हैं।

बुजुर्ग सदस्य लाखन सिंह, कहते हैं लॉक डाउन होने के पहले से ही हम लोग बिहार में हैं। सभी बजार बन्द है जाने के लिए कोई साधन नहीं है।

चाह कर भी अपने प्रदेश नहीं लौट पा रहे हैं। आमदनी नहीं होने के कारण भुखमरी की स्थिति बनी हुयी है। स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से दो समय का भोजन मिल जा रहा है।

आखिर ये कब तक चलेगा हम लोग काफ़ी परेशान हो गए हैं। हम लोगों का कोई राशन कार्ड भी नहीं है कि सरकार से कोई सहायता मिल जाएं। हमारे परिवार में 13 महिलाएं व 12 बच्चे एवं 19 पुरूष है।

वे बताते हैं कि कोरोना के कहर से मौत कब आएगी यह तो पत्ता नहीं है लेकिन भूख से जरूर जान चली जाएगी। स्थानीय ग्रामीण शम्भु सिंह, पेनशनर समाज के सचिव मदन सिंह, शिक्षक कुन्दन मिश्रा समेत कई लोग  बताते हैं कि मानवता के नाते हम सभी ग्रामीण आटा, आलू, नमक, मशाले व जलावन की लकड़ी दे रहे हैं। उसी से ये लोग खाना पका कर खा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना दी गई सिर्फ़ एक बार जाँच में आया गया उसके बाद कोई व्यवस्था नहीं हुआ है। क्या सरकारी घोषणा केवल खानापूर्ति के लिए ही है।

 

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