किराया बढा कर भी यात्रियों को सुरक्षित यात्रा की गारंटी नहीं – आरके राय, कहा मेंटेनेंस निजी हाथों में, यात्रियों की जान सांसत में

किराया बढा कर भी यात्रियों को सुरक्षित यात्रा की गारंटी नहीं – आरके राय, कहा मेंटेनेंस निजी हाथों में, यात्रियों की जान सांसत मे


जेटी न्यूज।
कानपुर। गुरुवार को एक बार फिर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के साथ एक बड़ा हादसा होते होते टल गया। जयनगर से नई दिल्ली जाने वाली यह ट्रेन कानपुर से 60 किलोमीटर पहले कुरसती कला स्टेशन पर दुर्घटनाग्रस्त होते होते बची। इस बाबत हमारे संवाददाता ने बताया कि पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल स्थित जयनगर से दिल्ली जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस कानपुर जंक्शन से 60 किलोमीटर पहले कुरसती कलां स्टेशन पर अचानक तेज आवाज के साथ चलते-चलते रुक गई। आवाज सुन कर यात्रियों सांस एक पल केलिए हलक में अटक गई। कई यात्रियों ने यह भी बतलाया कि पहले प्रेशर पाइप फटने की बात बताई गयी। बाद में पता लगा ट्रेन के पहिया का जर्नल तेज आवाज के साथ फट गया है जिससे ट्रेन अचानक रुक गई। मामले की जानकारी मिलने बाद यात्रियों ने चैन की सांस ली। ट्रेन में चल रहे टेक्नीशियन की मशक्कत के बाद गाड़ी करीब 6 घंटे बाद गंतव्य की ओर रवाना हो सकी। प्रारंभिक स्टेशन जयनगर समस्तीपुर मंडल के अंतर्गत आता है इसलिए इस संबंध में समस्तीपुर मंडल मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो कंट्रोल रूम ने कुछ भी बताने में असमर्थता जताई। इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अप्पन पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव आरके राय ने रेल मंत्री और समस्तीपुर मंडल मुख्यालय को इस घटना केलिये जिम्मेदार बताया और कहा कि रेल मंत्री और मंडल मुख्यालय के पदाधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं। वरना बार-बार मंडल मुख्यालय से खुलने वाली गाड़ियों के साथ हादसा नहीं होता। श्री राय ने कहा बीते कुछ महीनों में समस्तीपुर मंडल से खुलने वाली बिहार संपर्क क्रान्ति सुपर फास्ट एक्सप्रेस एवं स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस हादसे का शिकार होती रही है। कभी ट्रेन दो हिस्से में बंट जाती है, कभी पटरी से उतर जाती है, कभी ब्रेक से चिंगारी और धुआं निकलता है तो कभी जरनल ब्लास्ट हो जाता है।

उन्होने कहा कि हालिया कुछ महीनों में हुये रेल हादसों पर नजर डालें तो पता लगता है कि मेंटेनेंस में लापरवाही के कारण ये हादसे हुए हैं। रेल गाड़ियों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी निजी हाथों देने के बाद से देश में दो दर्जन से अधिक हादसे हो चुके हैं। श्री राय ने कहा की बेतहाशा किराया बढाने और निजी कंपनियों से मोटी रकम ऐऐंठने के बावजूद रेल मंत्रालय यात्रियों के जानमाल के सुरक्षा की गारंटी नहीं दे रही। इससे ज्यादा अच्छा दिन क्या होगा। एक दौर था जब रेल हादसे पर शोक जताते हुए रेल मंत्री हादसे की जिम्मेदारी लेते थे, माफी मांगते हुए इस्तीफा देने की पेशकश करते थे। मगर करीब दस सालों में दर्जनो हादसे हुए मगर किसी रेल मंत्री ने इस्तीफा देने की छोडिए जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांगना भी जरूरी नही समझा है।

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