लनामिविवि में हो रही करोड़ो की हेराफेरी, मुल्यांकन के एक साल बाद भी परीक्षक का भुगतान नहीं
लनामिविवि में हो रही करोड़ो की हेराफेरी, मुल्यांकन के एक साल बाद भी परीक्षक का भुगतान नहीं
जेटी न्यूज।

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा में केन्द्र व्यवस्थापक की मनमानी और कुलपति के गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण भ्रष्टाचार चरम पर है। जिसका एक उदाहरण है सत्र 2023 – 2027 के छात्रों के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा का मूल्यांकन का पैसा अब तक बकाया है। सेमेस्टर फर्स्ट के कॉपी के मूल्यांकन के पैसा आज तक नहीं दिए जाने से परीक्षकों में क्षोभ जन्य आक्रोश व्याप्त है। इस संबंध में कई शिक्षकों ने कहा कि मूल्यांकन केंद्राधीक्षक की मनमानी और काली करतूतों के कारण भुगतान नहीं किया गया है। कुछ लोगों का भुगतान किया भी गया है तो होल्टेज चार्ज और यात्रा भत्ता दोनों काट लिया गया है।

बताते चलें कि 5 मार्च 2023 से लेकर 14 मार्च तक विश्वविद्यालय मुख्यालय के वीर कुंवर सिंह कॉलेज में उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन कार्य कराया गया था। कुछ दिनों तक तो विश्वविद्यालय स्तर पर वित्त पदाधिकारी के नहीं होने के बहाना बनाया जाता रहा। उसके बाद मुल्यांकन केन्द्र के केन्द्र व्यवस्थापकों की मनमानी का खेल शुरु हुआ। जबकि पुर्व में मुल्यांकन कार्य सम्पन्न होने के साथ ही रिलीविंग के साथ भुगतान किया जाता रहा है। अब एक वर्ष से ज्यादा समय तक भुगतान नहीं किया जाना कहीं ना कहीं विश्वविद्यालय के कुलपति और मूल्यांकन केंद्राधीक्षक के मिलीभगत और भ्रष्टाचार रवैया का परिणाम है।

क्योंकि विश्वविद्यालय में परीक्षा के समय ही छात्रों से पूरी फीस ले ली जाती है ताकि परीक्षा और मूल्यांकन कार्य ससमय किया जा सके और परीक्षा फल समय पर प्रकाशित हो सके। गौरतलब है कि इस मामले में विश्वविद्यालय के
संबंधित पदाधिकारियों से बात किए जाने पर भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे कर कुछ भी कह कर मामले को टाल दिया जाता है। विश्वविद्यालय कर्मियों और पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण परीक्षको का शोषण किया जाता है। जानकार सुत्रों की मानें तो उक्त परीक्षा के बाद शेष परीक्षा का मूल्यांकन अपने चरण चाटुकारों, चहेतों व दलालों के माध्यम से करा कर विश्वविद्यालय द्वारा करोड़ों रुपये का बंदरबांट कर लिया जाता है।


