राहे एवं सोनाहातु में सुभाष चन्द्र बोस की जयंती मनाया गया

संविधान, लोकतंत्र एवं देश की रक्षा का शपथ लिया गया नेताजी का राहे आगमन एतिहासिक क्षण - सुफल महतो

राहे एवं सोनाहातु में सुभाष चन्द्र बोस की जयंती मनाया गया

जे टी न्यूज,  झारखंड : नेताजी का राहे आगमन एतिहासिक क्षण – सुफल महतो :संविधान, लोकतंत्र एवं देश की रक्षा का शपथ लिया गया राहे एवं सोनाहातु नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती नेताजी प्रतिमा स्थल पर सम्मान पूर्वक मनाया गया एवं संविधान, लोकतंत्र व देश की रक्षा का शपथ लिया गया। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात संबोधित करते हुए झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुफल महतो ने नेताजी की जीवनी पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए कहा 1940 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का राहे आगमन एतिहासिक क्षण था, राहे एतिहासिक धरोहर है। 1940 मे राहे आगमन के मौके पर संबोधित करते हुए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने कहा था विलायती कुत्ते मुझे पीछा कर रहे हैं, लेकिन इन्हें सात समुन्दर पार कर ही दम लेंगे,खुन दो मैं आजादी दूंगा के नारे को दोहराते हुए कहा आज भारत माता को अंग्रेजी गुलामी से आजाद करना हमारा पहला काम है, आजादी के लिए अनेकानेक शहीदों ने अपना जान कुर्बान कर दिए हैं।
श्री महतो ने कहा
नेताजी के रास्ते ही खुशहाल झारखंड व भारत का निर्माण संभव है,लूट -घोटाले को मिटाया जा सकता है। सद्भाव व भाईचारे को कायम किया जा सकता है।आज़ संविधान, लोकतंत्र व देश की रक्षा सर्वोपरि है।इस अवसर पर शान्ति कुमार देव शर्मा, मनोज चटर्जी, कमलाकान्त सिंह,प्रदीप भगत, अजमद अली, तुलसी सिंह, सुरेन्द्र प्रजापति, बिनोद प्रजापति,संजय महतो,अज्ञय महतो,सुभाषिश चटर्जी,हलधर पाण्डेय,कासिम अंसारी, योगेन्द्र राय, प्रमोद लाल,बबलू शेखर,तशलीम अंसारी, बिनोद साव,शतीश सिंह, शुशील चटर्जी, सुदर्शन सिंह, किसान नेता उमेश महतो,हरिहर महतो , दिनेश महतो, सुभम चटर्जी सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अमर रहे, स्वतंत्रता आन्दोलन के शहिदों अमर रहे आदि गगनभेदी नारे लग रहे थे।
राहे सिल्ली पथ को नेताजी सुभाष पथ का नामकरण का आव्हान किया गया। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती समारोह की अध्यक्षता राहे में कमलकांत सिंह एवं सोनाहातु में उमेश महतो ने किया।

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