जिला शिक्षा पदाधिकारी का कारनामा जिस विद्यालय का परीक्षा केन्द्र, उसी विद्यालय का शिक्षक प्रतिनियुक्त, फिर कैसे होगी कदाचार मुक्त परीक्षा

जेटी न्यूज,समस्तीपुर : कदाचार मुक्त परीक्षा का दावा और जिस विद्यालय का परीक्षा केन्द्र, उसी विद्यालय के शिक्षक प्रतिनियुक्ति? यह तो वहीं बात हुई न कि दूध की रखवाली का जिम्मा बिल्ली को। यह करिश्मा हुआ है समस्तीपुर में। बताते चलें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा परीक्षा केन्द्र पर निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सफल परीक्षा के संचालन हेतु केंद्राधीक्षक के सहमति से परीक्षा में सहयोग हेतु कार्यालय कार्य हेतु केंद्राधीक्षक के अनुशंसा के आलोक में उस सूची का अनुमोदन जिला शिक्षा पदाधिकारी, समस्तीपुर द्वारा किया जाता रहा हैं। समस्तीपुर के इतिहास में संभवतः यह पहली घटना है जब कि किसी परीक्षा केन्द्र पर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उसी विद्यालय के कर्मी को प्रतिनियुक्त किया गया है जिस विद्यालय के परीक्षार्थिायों की परीक्षा होनी हो। विदित हो कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा परीक्षा 2025 के लिए राजकीय कृत उच्च विद्यालय, रूपौली, को पटोरी प्रखण्ड स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय धमौन सहित मोहिउद्दीननगर एवं सिंघिया प्रखण्ड के विभिन्न विद्यालयों का परीक्षा केन्द्र बनाया गया हैं।
परीक्षा केन्द्र उच्च माध्यमिक विद्यालय, रूपौली में पटोरी प्रखण्ड के उच्च माध्यमिक विद्यालय धमौन के शिक्षक मोहन कुमार को केंद्राधीक्षक द्वारा किए गए अनुशंसा के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी समस्तीपुर की अनुमति से कार्यालय कार्य हेतु उच्च विद्यालय, रूपौली में प्रतिनियुक्त किया गया हैं। जबकि उसी विद्यालय के परीक्षाथी यहां परीक्षा देंगे। इस बाबत पूछे जाने पर नाम नहीं छापने की शर्त पर एक उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि शिक्षा पदाधिकारी तो सिर्फ हस्ताक्षर करते हैं। असली खेल तो प्रतिनियुक्त केन्द्राधीक्षक के द्वारा होता है। जो संबंधित शि़़क्षक के प्रभाव में अनुशसा कर देते हैं। बहुत मुमकिन है कि मोहन कुमार का कोई करीबी परीक्षा दे रहा हो या, प्रतिनियुक्ति की आड में परीक्षा अवधि में अवकाश पर रहने केलिए केन्द्राधीक्षक को उन्होंने मना लिया हो। इस परिस्थिति में इस परीक्षा केन्द्र पर कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन हो पायेगा यह भगवान ही जानते है। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसलिए उनका पक्ष नहीं जाना जा सका।