सहज सरल व गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के दावे की पोल खोल रहा देश का नंबर वन चिकित्सा संस्थान एम्स
सहज सरल व गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के दावे की पोल खोल रहा देश का नंबर वन चिकित्सा संस्थान एम्स
जे टी न्यूज, नई दिल्ली: एक तरफ एनडीए सरकार सरल, सहज एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा के दावे करती नहीं थकती, दूसरी तरफ देश की नामचीन एवं सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थान ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एनआईएमएस)
के बंद दवा काउंटर कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। यूं तो दिखाने के लिए एम्स में 26 दवा काउंटर हैं, परंतु इसमें से मात्र चार से पांच काउंटर ही कार्यरत होते हैं। शेष दवा के काउंटर हाथी के दांत की तरह दिखाने के लिए है। फलत: विभिन्न बिमारियों से परेशान मरीज और उनके परिजनों को घंटो इंतजार करना पड़ता है। गौर करने वाली बात है कि इन 4-5 काउंटर पर भी दवा लेने वाले मरीजों को कृत्रिम अभाव बताकर दवा की मात्रा भी कम कर दी जाती है, जिससे मरीज चिकित्सक के निर्देश के अनुसार पूरी दवा केलिए दुकानो की खाक छानने के लिए मजबूर हैं।

