बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में किया गया सघन निरीक्षण

बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में किया गया सघन निरीक्षण जे टी न्यूज, मधुबनी : – राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली तथा जिला पदाधिकारी के निदेश के आलोक में बाल श्रम के विरुद्ध धावा दल के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन निरीक्षण किया गया। इसी क्रम मे आज श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, रहिका गोविंद कुमार एवं श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, बिस्फी हामिद गफूर के नेतृत्व में अभियान चलाकर सदर अनुमंडल और बेनीपट्टी अनुमंडल से कुल 3 बाल श्रमिक विमुक्त किया गया।विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है ।
बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है । श्रम अधीक्षक मधुबनी ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है । इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा ।इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा । श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से 30 मार्च तक प्रत्येक दिन संचालित होगा तथा जिला के सभी प्रखंड एवम नगर निकायों क्षेत्रों में बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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